असम हिंसा व उत्तरी भारतीयों पर हमले को लेकर संसद में हंगामा (लीड-2)
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। असम में जातीय हिंसा और महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमलों के मुद्दों पर सोमवार को लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। हंगामे के कारण तीन बार लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई।
केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सहयोगी दलों राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी (सपा) ने मनसे और शिवसेना पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की।
लोकसभा में राजद के नेता देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा, "उत्तर भारतीयों पर हमलों के मद्देनजर मनसे और शिवसेना पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यदि इन दोनों राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो राजद इनके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।
सपा नेता रामजीलाल सुमन ने कहा, "मनसे नेता राज ठाकरे के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मनसे के साथ शिवसेना पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।"
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सांसद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार असफल रही है। उन्होंने कांग्रेस के साथ ही सपा को भी जिम्मेदार ठहराया क्योंकि सपा केंद्र सरकार का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तरप्रदेश और बिहार में इसका हर्जाना भुगतना पड़ेगा।
भाजपा की सहयोगी जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) के अध्यक्ष शरद यादव ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा में मनसे प्रमुख राज ठाकरे की गिरफ्तारी की मांग की। बकौल शरद यादव, "राज ठाकरे नगर निगम स्तर के भी नेता नहीं हैं। उनके पास जनसमर्थन भी नहीं है। उन्होंने सिर्फ कुछ गुंडे पाल रखे हैं। उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।"
इससे पहले, असम के बोडोलैंड में जारी हिंसा के खिलाफ सोमवार दोपहर लोकसभा में भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी।
दोपहर 12 बजे जैसे ही कार्यवाही दोबारा शुरू हुई असम के कोकराझाड़ से निर्दलीय सांसद एस के बिविस्वमुथियारी ने असम के दरांग और उदालगुड़ी में बोडो जनजाति के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा का मुद्दा उठाया।
लगभग दस मिनट सदन में हंगामा चलता रहा और इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने विधायी कामकाज निपटाए। हंगामे के बीच ही विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भारत अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर लोकसभा में बयान दिया। हंगामे और शोरगुल के कारण वे बयान पढ़ नहीं पाए। उन्होंने इसे सदन के पटल पर रख दिया।
इस बीच चटर्जी ने बिविस्वमुथियारी को बोलने का मौका दिया। उन्होंने बोडोलैंड के दरांग और उदालगुड़ी जिले में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा फैलाई जा रही व्यापक हिंसा का जिक्र किया। इसमें भाजपा ने उनका भरपूर समर्थन किया।
सोमवार सुबह जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो जामिया नगर के बटला हाउस में मुठभेड़ के मुद्दे पर बसपा सांसदों द्वारा हंगामा मचाने के कारण कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बसपा सांसद अकबर अहमद डंपी और इलियास आजमी मुठभेड़ का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। वे मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग कर रहे थे। इस बीच भाजपा, जनता दल युनाइटेड और राजद के सांसदों ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को गिरफ्तार करने की मांग की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।