वाराणसी के मुसलमान प्रधानमंत्री को भेजेंगे ज्ञापन
वाराणसी, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। जिस जमीन को हम सिजदा करते हैं, जिस आबो हवा में हम सांस लेते हैं और जिसे हम मां कहते हैं, उसके साथ एक सच्चा मुसलमान कभी गद्दारी नहीं कर सकता। यह सामूहिक आवाज आज वाराणसी के बेनियाबाग मैदान से हजारों मुसलमानों ने उठाई।
दहशतगर्दी के खिलाफ आयोजित जलसे में प्रधानमंत्री को भेजा जाने वाला एक 21 सूत्री ज्ञापन को भी पढ़कर सुनाया गया। इसमें कहा गया कि देश में साजिश के तहत एक खास समुदाय को बदनाम किया जा रहा है जिसे रोकने का शीघ्र उपाय किया जाना चाहिए।
जलसे में आए हाजी इलियास ने कहा कि आजकल किसी भी धमाके के तार को एक खास कौम से जोड़कर देखने का फैशन चल गया है। उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहता कि इस तरह के घिनौने कामों को अंजाम देने में हमारी कौम के लोग नहीं हो सकते हैं, लेकिन पूरी कायनात को शक की निगाह से देखना न तो हिंदुस्तान की सेहत के लिए अच्छा है और न ही हमारी बिरादरी के लिए।"
दहशतगर्दी के खिलाफ जमा हुए इस जलसे में वाराणसी और आसपास की सभी तंजीमों की शख्सियतों के अलावा कई उलेमाओं ने भी शिरकत किया।
मुफ्ती-ए-बनारस अब्दुल बातिन नूमानी ने जोर देकर कहा कि दहशतगर्दो के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है। नूमानी ने कहा कि अमनो अमान के दुश्मनों का न तो कोई मजहब होता है और न ही कोई ईमान, वे सिर्फ और सिर्फ इंसानियत के दुश्मन होते हैं।
हजारों की संख्या में जलसे में भाग लेने आए मुसलमानों ने पुलिस, मीडिया और सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाए। जलसा करीब चार घंटे तक चला।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।