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जीवन के संध्याकाल में भी जीवन साथी की तलाश

By Staff
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अहमदाबाद , 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। जीवन के संध्याकाल में कदम रख चुके लोगों के दिलों में भी चाहत का अंकुरण काबिलेगौर है। अहमदाबाद में एक समारोह में एकत्रित सैकड़ों बुजुर्गो में से हर एक की आंखें एक अदद साथी की तलाश में थीं जिनके साथ वह आगे जिंदगी बसर कर सकें।

अहमदाबाद , 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। जीवन के संध्याकाल में कदम रख चुके लोगों के दिलों में भी चाहत का अंकुरण काबिलेगौर है। अहमदाबाद में एक समारोह में एकत्रित सैकड़ों बुजुर्गो में से हर एक की आंखें एक अदद साथी की तलाश में थीं जिनके साथ वह आगे जिंदगी बसर कर सकें।

शहर के टाऊन हाल में गैर सरकारी संगठन 'बिना मूल्य अमूल्य सेवा' (बीएमएएस) द्वारा आयोजित समारोह में पूरे गुजरात से 700 बुजुर्ग पुरुष और 75 बुजुर्ग महिलाओं ने योग्य साथी के लिए अपना बायोडाटा पेश किया।

बीएमएएस की सचिव भारतीबेन रावल का कहना है,"समाज के वरिष्ठ नागरिकों को नए साथी के साथ रहने में किसी तरह की शर्म या संकोच क्यों करना चाहिए। अपनी बाकी जिंदगी को खुशी और शांति के साथ जीना उन्हें भी सीखना चाहिए।"

दरअसल बीएमएएस की स्थापना नातूभाई पटेल ने चार वर्ष पहले की थी। अब तक यह संगठन 37 बुजुर्ग जोड़ों की शादी करवा चुका है। पटेल का कहना है कि सभी को सम्मान और खुशी के साथ जिंदगी जीने का पूरा हक है।

समारोह में एकत्र हुए बुजुर्ग नागरिक भी इस पहल से बेहद खुश नजर आए। 66 वर्षीय दौलतराम रहनदानी ने अपने बेटों को अपना व्यवसाय यह सोचकर दे दिया था कि बुढ़ापे में वह सुकून से रहेंगे। परंतु ऐसा हुआ नहीं और अब उनको एक साथी की तलाश है। इस समारोह में पहुंचे कई लोगों की कहानी दौलतराम की कहानी से मिलती-जुलती है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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