आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रचार में जुटी हैं कविता
आगरा, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली से मरीजों का उपचार करने वाली वैद्य कविता गोयल इन दिनों आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के आधुनिकीकरण में जुटी हैं। वह इस बिंदु पर चर्चा के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने तैयारियों में भी जुटी हैं।
आगरा, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली से मरीजों का उपचार करने वाली वैद्य कविता गोयल इन दिनों आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के आधुनिकीकरण में जुटी हैं। वह इस बिंदु पर चर्चा के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने तैयारियों में भी जुटी हैं।
कविता आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार के लिए अब तक 50 से अधिक शहरों में शिविर आयोजित कर चुकी हैं और इन दिनों 15 से 17 नवम्बर तक यहां आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी में व्यस्त हैं।
कविता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम लोगों को जांच के लिए आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता है, क्योंकि अनुभव और अनुमान के आधार पर इलाज करना उचित नहीं है।"
उनके मुताबिक यहां होने वाला राष्ट्रीय सम्मेलन कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहली बार देशभर के 500 से अधिक आयुर्वेदिक चिकित्सक विचार-विमर्श के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।
उन्होंने बताया, "सम्मेलन में पैथोलॉजी विशेषज्ञ, एलोपैथिक चिकित्सक और सर्जन अपने-अपने क्षेत्र में हुई नवीनतम प्रगति से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य चिंता यह है कि वैद्यों को संचार की नवीनतम तकनीक से कैसे अवगत कराया जाए।
कविता 1,000 बिस्तरों वाला एक आयुर्वेदिक अस्पताल खोलना चाहती हैं। शहर से 14 किलोमीटर दूर वे अपने गांव में अब तक 100 आयुर्वेदिक सेवकों को प्रशिक्षित कर चुकी हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।