हरिद्वार के जेल तक पहुंची बदलाव की बयार
हरिद्वार, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। सिलाई मशीनों पर तेजी से काम करते लोगों को देखकर आप यही सोचेंगे कि आप किसी बड़ी दुकान या कारखाने में पहुंच गए हैं लेकिन ऐसा नजारा हरिद्वार की जिला जेल में देखा जा सकता है।
हरिद्वार, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। सिलाई मशीनों पर तेजी से काम करते लोगों को देखकर आप यही सोचेंगे कि आप किसी बड़ी दुकान या कारखाने में पहुंच गए हैं लेकिन ऐसा नजारा हरिद्वार की जिला जेल में देखा जा सकता है।
कैदियों के बीच बदलाव की बयार पहुंचाने के लिए हरिद्वार जेल में कदम उठाए जा रहे हैं। यहां के कैदी सिलाई, बागवानी और हथकरघा से संबंधित काम करते हैं और इससे मिलने वाली रकम जेल प्रशासन राज्य के अन्य जेलों के कैदियों की सहायता के लिए भेजता है।
जेल के उप जेलर राकेश वर्मा ने आईएएनएस को बताया कि कैदियों के स्वभाव में परिवर्तन लाने के लिए जेल परिसर में एक अलग वातावरण तैयार किया जा रहा है।
उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग की सहायता से जेल में एक हथकरघा परियोजना चलाई जा रही है। साथ ही कैदियों के लिए बागवानी और शैक्षणिक कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
हरिद्वार जिला जेल में लगभग 950 कैदी हैं, जिसमें 450 आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। जेल प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि विभिन्न गतिविधियों में कैदियों के हिस्सा लेने से उनके स्वभाव में परिवर्तन आएगा।
बागवानी कार्यक्रमों के अंतर्गत परिसर में विभिन्न प्रजातियों के औषधि वृक्ष लगाए जा रहे हैं। कैदियों की मेहनत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवंबर 2003 से चलाए जा रहे वृक्षारोपण परियोजना से प्रशासन को 13 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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