इस बार जेब पर भारी पड़ेंगे पटाखे
बेंगलुरू, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। इस वर्ष पटाखे पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत महंगे हो गए हैं, इसलिए कारोबारियों और उपभोक्ताओं को आशंका है दीवाली का उत्साह कहीं फीका न पड़ जाए।
बेंगलुरू, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। इस वर्ष पटाखे पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत महंगे हो गए हैं, इसलिए कारोबारियों और उपभोक्ताओं को आशंका है दीवाली का उत्साह कहीं फीका न पड़ जाए।
कारोबारियों का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों और श्रमिकों के पारिश्रमिक में बेतहाशा वृद्धि की वजह से पटाखों की कीमतें बढ़ी हैं। उपभोक्ताओं को इस वर्ष मिट्टी के दीपक, मोमबत्तियों, डिजाइनर लाइट और मिठाइयों से ही काम चलाना पड़ सकता है।
बेंगलुरू में पटाखों के एक कारोबारी बी. वासुदेव भंडारकर ने आईएएनएस से कहा, "एल्यूमिनियम पाउडर, लोहा, सल्फर, जिलेटिन, बेरियम नाइट्रेट एवं पोटैशियम नाइट्रेट जैसे कच्चे माल और पटाखों की पैकिंग के लिए जरूरी सामानों की कीमतों में इस वर्ष भारी वृद्धि हुई है। इस वजह से पटाखों की कीमतें भी बढ़ी हैं।"
उन्होंने कहा, "इसके अलावा पटाखा बनाने वाले फैक्ट्रियों को इस वर्ष श्रमिकों को पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा पारिश्रमिक देना पड़ रहा है।" यही कारण है कि कुछ लोकप्रिय पटाखों की कीमतों में 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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