विश्लेषकों को सेंसेक्स में अभी और गिरावट की आशंका (साप्ताहिक राउंडअप)
मुंबई, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। इस सप्ताह देश के शेयर बाजारों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई और जून 2006 के बाद पहली बार सेंसेक्स 10,000 के स्तर से नीचे बंद हुआ। विश्लेषकों को आशंका है कि आगामी सत्रों में निवेशकों को और नुकसान उठाना पड़ सकता है।
निवेशकों और सटोरियों ने पूरे सप्ताह बाजार पर निगाह गड़ाए रखीं और वे गोता लगाते प्रमुख सूचकांकों के स्थिर होने की कामना करते रहे। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि आगे का रास्ता आसान नहीं है, क्योंकि बाजार की यह हालत घरेलू कारणों से नहीं बल्कि अमेरिका में मंदी की आशंका और वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से है, जिस पर सरकार का नियंत्रण नहीं है।
बंबई स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 'सेंसेक्स' शुक्रवार को 5.25 प्रतिशत की गिरावट पर बंद हुआ, हालांकि पहले दो कारोबारी दिवसों में सेंसेक्स ने क्रमश: 7.42 प्रतिशत और 1.54 प्रतिशत की छलांग लगाई थी।
'रेलिगेयर सिक्युरिटिज' के अध्यक्ष अमिताभ चक्रबर्ती ने कहा, "गिरावट का यह दौर दुनिया भर की गतिविधियों की वजह से है। मैं समझता हूं कि अगले सप्ताह सेंसेक्स 9,500 के स्तर पर आ जाएगा।"
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कई बार बाजार में स्थिरता लाने और आशंकित निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि डरने की कोई बात नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था का विकास पर्याप्त गति से हो रहा है और बाजार में तरलता की कमी नहीं होने दी जाएगी।
चिदंबरम के इस बयान का पहले दो दिन असर भी हुआ, लेकिन बाद में बाजार में फिर गिरावट शुरू हो गई। मौजूदा हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मात्र नौ महीने पहले सेंसेक्स 21,206 के अब तक के उच्चतम स्तर पर था। लेकिन केवल पिछले एक महीने में इसमें 25 प्रतिशत और पिछले 52 सप्ताह में 45 प्रतिशत से भी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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