राजधानी में बाल संगम : विभिन्न संस्कृतियों से परिचित हो रहे हैं बाल कलाकार
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजधानी का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) परिसर इन दिनों बच्चों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। परिसर में आयोजित 'बाल संगम' में देश भर से आई बच्चों की टोलियां सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं।
मणिपुर से अपनी टोलियों के साथ मइबी, काबुई, माओ जैसे मणिपुरी नृत्य प्रस्तुत करने पहुंचीं आठ वर्षीय दीपा कहती हैं, "इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर मुझे बेहद खुशी हो रही है लेकिन मम्मी-पापा की याद भी सता रही है।"
दीपा ने कहा, "मैं बड़ी होकर डाक्टर बनना चाहती हूं लेकिन नृत्य करना मुझे बेहद भाता है।" टोली में शामिल 14 वर्षीय रत्नावती ने आईएएनएस से कहा, "कार्यक्रम की प्रस्तुति के बाद दर्शक हमारी तारीफ करते हैं और उत्साह भी बढ़ाते हैं।"
उसने कहा, "मुझे पहले मणिपुरी नृत्य ही सबसे अच्छा लगता था लेकिन यहां राजस्थान और कर्नाटक से आई टोलियों को नृत्य करते देखा तो मालूम हुआ कि वे लोग भी काफी अच्छा नृत्य करते हैं।"
मणिपुर टोली के निर्देशक आर. के. खगेंद्र सिंह ने कहा, "इस मेले के दौरान हम लोगों को दूसरे राज्यों की संस्कृतियों से रूबरू होने का मौका मिल रहा है।" कर्नाटक से आई 'साईं आर्ट' नाम की टोली के संगीत निर्देशक कुबेरप्पा ने बताया, "टोली में शामिल लड़कियां पौराणिक कथाओं पर आधारित नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं।"
उधर, मध्यप्रदेश के सागर से आए 'छत्रसाल बुंदेलखंड अखाड़ा' से जुड़े बच्चों ने कहा, "हम लोग इस मेले के नृत्य के दौरान विविध युद्धकलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।" टोली के निर्देशक राजकुमार के अनुसार इस टोली में शामिल सभी बच्चों की उम्र आठ से 14 वर्ष के बीच है।
बारह अक्टूबर से प्रारंभ हुए इस मेले के लिए पूरे परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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