भारत-अमेरिका परमाणु कारोबार को कुछ तकनीकी अनुमोदनों का इंतजार
वाशिंगटन, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिकी कंपनियां भारत और अमेरिका के बीच हुए परमाणु करार से मिले 150 अरब डॉलर के कारोबारी अवसर का फायदा उठाना चाहती हैं लेकिन यह तब तक संभव नहीं है, जबतक कुछ तकनीकी प्रावधान पूरे नहीं कर लिए जाते।
वाशिंगटन, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिकी कंपनियां भारत और अमेरिका के बीच हुए परमाणु करार से मिले 150 अरब डॉलर के कारोबारी अवसर का फायदा उठाना चाहती हैं लेकिन यह तब तक संभव नहीं है, जबतक कुछ तकनीकी प्रावधान पूरे नहीं कर लिए जाते।
दक्षिण एवं मध्य एशिया के मामलों के उप सहायक सचिव इवान फीगेनबॉम ने शुक्रवार को वाशिंगटन में भारतीय मीडिया को बताया कि इस वर्ष दिसंबर में परमाणु व्यापार मिशन भारत भेजने की योजना बनाई गई है। वाशिंगटन को उम्मीद है कि इस दौरान कारोबार के लिए जरूरी तकनीकी प्रावधान पूरे कर लिए जाएंगे।
गौरतलब है कि मई 1974 में भारत ने शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट किया था। इसके बाद उस पर परमाणु प्रौद्योगिकी से जुड़े तमाम कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
अब भारत के साथ हुए 123 समझौता लागू करने के लिए प्रमाणपत्रों के दो सेटों पर अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को हस्ताक्षर करना पड़ेंगे। फीगेनबॉम ने उम्मीद जताई कि अगले सप्ताह या अगले 10 दिनों के भीतर प्रमाणपत्रों के पहले सेट का अनुमोदन कर दिया जाएगा।
लेकिन दोनों देशों के बीच परमाणु कारोबार शुरू करने के लिए प्रमाणपत्रों के दूसरे सेट का अनुमोदन जरूरी है, जिसमें ज्यादा वक्त लग सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।