अफगानिस्तानः अल कायदा और तालिबान में दरार

By Staff
Google Oneindia News

afghanistan
काबुल, 16 अक्टूबरः अफगानिस्तान में सरकार के शांति प्रस्ताव को स्वीकार करने की स्थिति में तालिबान अपने सहयोगी संगठन अल कायदा से नाता तोड़ सकता है। पाकिस्तानी अखबार द न्यूज में प्रकाशित रिपोर्ट में तालिबान शासन के दौरान विदेश मंत्री रहे वकील अहमद मुत्तवकील के हवाले से यह जानकारी दी गयी है।

मुत्तवकील ने कहा कि अफगान सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिये तालिबान के समक्ष अमरीका पर 11 सितंबर के हमले से जुडे कट्टरपंथियों से पूरी तरह नाता तोड़ने की पूर्व शर्त नहीं लगायी जानी चाहिये।

उन्होंने कहा कि अलकायदा की अफगानिस्तान में मौजूदगी तालिबान से पहले से है और अब वह लडाई में सहयोगी हैं। साथ ही मुत्तवकील ने यह भी कहा कि अफगान नागरिकों को शांति के लिये समझौते का अधिकार है और इसके मद्देनजर अल कायदा को इसमें रूकावट पैदा नहीं करने दी जायेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत शुरू करने के लये सरकार या तालिबान किसी भी पक्ष को पूर्व शर्ते नहीं लगानी चाहिये। मुत्तवकील ने कहा कि बातचीत में शामिल होने की स्थिति में तालिबान हिंसक गतिविधियों से स्वयं को दूर करने के लिये अलकायदा से दूरी बना सकता है।

गौरतलब है कि मुत्तवकील ने पिछले महीने सऊदी अरब में वहां के शेख नेताओं से मुलाकात कर बातचीत की रूपरेखा पर विचार विमर्श किया था।
सऊदी अरब की मध्यस्थता में प्रस्तावित इस बातचीत का मकसद पश्चिमी देशों के समर्थन से चल रही अफगान सरकार और तालिबान के बीच पिछले आठ साल से चले आ रहे खूनी संघर्ष का समाधान निकालना है।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X