श्रीलंका ने युद्धविराम की मांग को लिट्टे का षड़यंत्र बताया
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्वारा श्रीलंका में युद्धविराम की उठाई गई मांग को श्रीलंका सरकार ने लिट्टे का षड़यंत्र करार दिया है।
तमिलनाडु के राजनीतिक दलों की इस मांग पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रीलंका के रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षे ने तमिल लड़ाकों के खिलाफ सैन्य अभियान रोकने से साफ इनकार कर दिया है।
राजपक्षे ने आईएएनएस को कोलंबो से टेलीफोन पर बताया कि तमिल विद्रोहियों के खिलाफ युद्धविराम का फिलहाल कोई आधार नहीं दिखाई देता।
ज्ञात हो कि तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके के सांसदों ने धमकी दी थी कि यदि केंद्र सरकार 29 अक्टूबर तक किसी युद्धविराम समझौते के लिए श्रीलंका पर दबाव नहीं बनाती तो पार्टी के सभी सांसद संसद से इस्तीफा दे देंगे।
तमिलनाडु के नेताओं पर निशाना साधते हुए राजपक्षे ने स्पष्ट किया है कि हर किसी को यह समझ लेना चाहिए कि श्रीलंका में रहने वाले तमिल श्रीलंका के नागरिक हैं और उनकी समस्याएं सुलझाना हमारी जिम्मेदारी है।
इसी बीच श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने चेन्नई में मंगलवार को राजनीतिक पार्टियों द्वारा पारित प्रस्ताव को भारत का अंदरूनी मामला बताया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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