जेट एयरवेज ने 800 कर्मचारी निकाले
घटना के बाद कर्मचारियों में काफी रोष देखा जा रहा है। दिल्ली तथा मुंबई में एयरलाइंस के कर्मचारियों ने काफी हो-हल्ला मचाया। बताया जाता है कि एयरलाइन ने केबिन क्रू, पायलटों, जमीनी सेवा, हवाई अड्डे की सेवा और प्रबंधन विभाग से कर्मचारियों की छंटनी का निर्णय लिया है।
इनमें अधिकांश कर्मचारी बीते छह महीने से कम अवधि से एयरलाइन में कार्यरत हैं। कंपनी ने अपने फैसले से संबंधित पत्र इन कर्मचारियों को मंगलवार रात को कूरियर से भेज दिया है।
जेट एयरवेज और किंगफिशर ने अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों में कोड शेयर, संयुक्त ईधन प्रबंधन, समान जमीनी सेवा और ग्लोबल टिकट व्यवस्था के माध्यम से उड़ानों में यात्रियों के आदान-प्रदान का समझौता किया है। जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने कर्मचारियों की छंटनी के मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यह तीसरी बार है जब एयरलाइन ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। वर्ष 2007 में एयर सहारा के अधिग्रहण के बाद कंपनी ने 1,200 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया था। अगस्त 2008 में जेटलाइट ने 700 कर्मचारियों को स्वैच्छिक रूप से कंपनी छोड़ने का प्रस्ताव दिया था।