राम सेतु मामले में सरकार ने फिर पहुंचाई हिंदुओं की आस्था पर चोट : भाजपा
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यह बात कह कर कि राम सेतु हिंदू धर्म का आवश्यक व अभिन्न अंग नहीं है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बार फिर इस मुद्दे को गरमाने का मौका दिया है। पार्टी ने कहा है कि सरकार ने ऐसा करके हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को फिर से चोट पहुंचाई है।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के सामने यह बात कह कर संप्रग सरकार ने एक बार फिर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाई है और उन्हें अपमानित करने का कुप्रयास किया है। संप्रग सरकार की यह वोट बैंक की सबसे अधिक घिनौनी राजनीति है।"
उन्होंने कहा, "कौन सी बातें हिंदू धर्म का हिस्सा है और कौन सी नहीं यह तय करने का अधिकार संप्रग सरकार को किसने दे दिया। इस निंदनीय बयानबाजी का कोई ऐतिहासिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आधार भी है क्या।"
प्रसाद ने सरकार से पूछा कि क्या उसमें इतनी हिम्मत है कि वह अन्य धर्मो के सम्मानित प्रतीकों के बारे में इस तरह की अनादरपूर्ण टिप्पणी कर सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा का सर्वधर्म समभाव में विश्वास है न कि लगातार जानबूझकर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने में।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने अदालत के समक्ष माना है, "भगवान राम द्वारा राम सेतु को नहीं तोड़े जाने संबंधी हिंदुओं के विश्वास को बिना किसी संदेह के प्रमाणित नहीं किया जा सका है। साथ ही यह भी साबित नहीं हुआ है कि राम सेतु के जो भी अवशेष हैं और जिसे पूजनीय बताया जाता है, वह हिंदू धर्म का आवश्यक व अभिन्न अंग है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।