क्रीमी लेयर की आय सीमा पर विचार कर सकता है सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को संकेत दिया कि सरकार के पिछड़े वर्ग की क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाकर 4.5 लाख रुपये वार्षिक करने के निर्णय को यदि सही याचिका के माध्यम से चुनौती दी जाए तो वह इसपर विचार कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को सरकार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ वकील के.के.वी. वेणुगोपाल से कहा, "आप एक याचिका दाखिल कीजिए, हम क्रीमी लेयर से क्रीम को बाहर निकालने का प्रयास करेंगे।"
वरिष्ठ वकील के.के.वी. वेणुगोपाल ने न्यायालय से यह कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के फैसले को अप्रभावी बनाने के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल के फैसले में सरकारी उच्च शिक्षण संस्थाओं में पिछड़ वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण को सही ठहराते हुए क्रीमी लेयर को इस आरक्षण कोटे से बाहर रखने को कहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।