क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नोबेल पुरस्कार के लिए नेहरु की 11 बार अनदेखी की गई

By Staff
Google Oneindia News

आशीष मेहता

आशीष मेहता

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोबेल फाउंडेशन ने केवल महात्मा गांधी की ही नहीं वरन् देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 11 बार अनदेखी की थी।

पुरस्कारों के लिए पिछले नामांकनों का ब्यौरा हालांकि गोपनीय रखा जाता है, लेकिन नोबेल फाउंडेशन ने 1901 से 1956 तक के दस्तावेजों को सार्वजनिक किया है। इनकी खोजबीन से पता चला है कि पंडित नेहरु के नाम पर 50 के दशक की शुरूआत में विचार किया गया था।

वर्ष 1950 में पंडित जी के नाम से दो नामांकन भेजे गए थे। इनमे से एक दिल्ली विश्वविद्यालय के कानून के प्रोफेसर एल.आर. शिवसुब्रमण्यिम ने और दूसरा बंबई विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर एम.वेंकटरंगैया ने भेजा था।

आईएएनएस द्वारा देखे गए दस्तावेजों के अनुसार, "नेहरु ने भारत में संसदीय सरकार की स्थापना की और वे आजादी के संघर्ष के प्रमुख नेताओं में से थे। नेहरू को अपनी गुटनिरपेक्ष विदेश नीति और गांधी जैसे सिद्धांतों का पालन करने के लिए नामांकित किया गया था।"

ओस्लो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेन्स अरुप सीप ने नामांकनों का मूल्यांकन किया था। नोबेल समिति ने 1962-67 के दौरान महर्षि अरविंद और पूर्व राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन के नामों पर भी विचार किया था।

एक अमेरिकी राजनीति विज्ञानी राल्फ बुंचे को फिलीस्तीन में मध्यस्थता करने के कारण 1950 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया।

वर्ष 1951 में पंडित नेहरु को तीन नामांकन हासिल हुए। ये नामांकन 1946 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अमेरिकी एमिली ग्रीन बाल्क, अमेरिक न फ्रेंड्स सर्विस कमेटी की ओर से लुइस हाकिंस और मद्रास विश्वविद्यालय के प्रोफसरों की ओर से श्रीनिवाला शर्मा ने किए थे।

इन तीनों नामांकनों का सीप ने ही मूल्यांकन किया था। 1951 का नोबेल पुरस्कार एक फ्रांसीसी ट्रेड यूनियन नेता लियॉन जोहाक्स को दिया गया था।

इसी तरह 1953 में भी नेहरु को बेल्जियम के कई सांसदों की ओर से नामांकित किया गया था। लेकिन उस वर्ष का नोबेल पुरस्कार द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिकी सेनाओं का नेतृत्व करने वाले जार्ज सी.मार्शल को दिया गया।

1954 में नेहरु को दो नामांकन प्राप्त हुए थे लेकिन इस बार यह पुस्कार संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय को प्रदान किया गया।

स्विट्जरलैंड के एक प्रोफेसर एडमंड प्रीवाट ने 1955 में नहरु को पुन: नामांकित किया था लेकिन इस वर्ष किसी भी व्यक्ति को नोबेल शांति पुरस्कार न देकर इनामी राशि इस पुरस्कार संबंधी विशेष कोष को आवंटित कर दी गई।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

**

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X