रेल कोच फैक्टरी मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश
लखनऊ, 14 अक्टूबर(आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में प्रस्तावित रेल कोच फैक्टरी के लिए अधिग्रहित जमीन वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले पर अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है।
राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ भारत सरकार (उत्तर-रेलवे) द्वारा की गई स्थागनादेश की मांग एवं रायबरेली के ऐहार गांव के किसानों की ओर से दिनेश चन्द्र मिश्र और अवनींद्र पांडे द्वारा दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रदीपकांत और न्यायमूर्ति शबीउल-हसनैन की पीठ ने अपने आदेश में संबंधित भू-भागों पर किसी प्रकार के निर्माण या उसके आवंटन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को तय की गई है। अदालत ने उत्तर-प्रदेश सरकार से एक सप्ताह के अंदर हलफनामा (एफीडेविट) दायर करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले रविवार को रायबरेली रेल कोच फैक्टरी के लिए दी गई जमीन वापस लेने का फैसला किया था। इस फैसले के खिलाफ सोमवार को रेल विभाग की तरफ से लखनऊ उच्च न्यायालय से स्थागनादेश की मांग की गई थी। इसके अलावा स्थानीय किसानों द्वारा भी राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
उल्लेखनीय है कि 1685 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस रेल कोच फैक्टरी का मंगलवार को सोनिया गांधी के हाथों भूमि पूजन होना था।
उधर, कांग्रेस की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी मंगलवार को लालगंज क्षेत्र के ऐहार इंटर कालेज मैदान में एक विशाल जनसभा करेंगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।