एकता परिषद: मोदी ने बैठक के एजेंडे में आतंकवाद का मुद्दा नहीं होने पर सवाल खड़ा किया (लीड-1)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) की बैठक के एजेंडे में आतंकवाद को शामिल नहीं किए जाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार केवल वोट बैंक की राजनीति में शामिल है।
एनआईसी की बैठक में शामिल होने के बाद मोदी ने संवाददाताओं से कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवाद का मुद्दा एनआईसी की बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है। यह केवल वोट बैंक की राजनीति है।"
उन्होंने कहा कि आतंकवाद देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा बन गया है, इस मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की गंभीरता का अभाव साफ दिखाई देता है।
मोदी ने कहा कि एनआईसी की बैठक के एजेंडे में वामपंथी चरमपंथियों को शामिल किया गया है लेकिन आतंकवाद को नहीं। मुझे समझ में नहीं आता कि आतंकवाद कैसे महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन वामपंथी चरमपंथी हिंसा अधिक खतरनाक है।
मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित देशों में एक है और अभी भी सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। यह रवैया चिंताजनक है और सरकार के ढुलमुल रवैये को दर्शाता है।
मोदी ओर राजस्थान की मुख्मंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लिखित रूप में पूछा है कि आतंकवाद का मुद्दा एनआईसी बैठक के एजेंडे में क्यों नहीं शामिल किया गया?
सभी मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति वाले सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि शांति सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर होने वाले धर्मातरण को रोका जाना आवश्यक है। उन्होंने केंद्र सरकार से जोर देकर कहा कि वह राज्य सरकार के काफी अर्से से लंबित पड़े आतंकवाद विरोधी कानून को मंजूरी दे।
इससे पहले राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में मोदी ने कहा, "समाज में शांति सुनिश्चित करने के लिए भय और लालच के द्वारा बड़े पैमाने पर होने वाले धर्मातरण को रोकना आवश्यक है।"
उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों के कारण समाज की शांति अक्सर भंग होती है।
मोदी ने चार वर्ष से लंबित 'गुजरात कंट्रोल ऑफ आर्गनाइज्ड क्राइम (गुजकोक)' विधेयक को भी शीघ्र मंजूरी देने की मांग की।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को आतंकवादी विचारों से दूर रखने के लिए निवारक दंड की भी आवश्यकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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