शेयर बाजारों के रूख पर होगी सबकी नजर
वाशिंगटन, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। आर्थिक रूप शक्तिशाली से दुनिया के तमाम देशों ने मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने में एकजुटता दिखाई है और कई उपाए करने के वादे किए हैं, लेकिन सबकी नजर सोमवार को बाजार के रूख पर रहेगी, क्योंकि यहीं से निकट भविष्य के बारे में स्पष्ट संकेत मिलेंगे।
वाशिंगटन, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। आर्थिक रूप शक्तिशाली से दुनिया के तमाम देशों ने मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने में एकजुटता दिखाई है और कई उपाए करने के वादे किए हैं, लेकिन सबकी नजर सोमवार को बाजार के रूख पर रहेगी, क्योंकि यहीं से निकट भविष्य के बारे में स्पष्ट संकेत मिलेंगे।
पिछला हफ्ते संयुक्त कार्रवाइयों के लिए भारी-भरकम वादों की झड़ी लगी रही। आर्थिक रूप से शक्तिशाली दुनिया के सात प्रमुख देशों (जी-7) ने वित्तीय बाजारों में स्थिरता लाने के लिए तमाम उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करने की प्रतिबद्धता जताई।
गौरतलब है कि वित्तीय संकट से सबसे ज्यादा जी-7 के सदस्य देश ही प्रभावित हुए हैं। इनमें अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, जापान और कनाडा शामिल हैं।
इन देशों ने महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों को धराशाई होने से बचाने और बैंकों पर लोगों का भरोसा बहाल करने के लिए उन्हें पूंजी उपलब्ध कराने का वादा किया है। उनकी इस कोशिश पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी मुहर लगा दी और उनकी योजना को पूरा समर्थन दिया, लेकिन कहा कि ये उपाय नाकाफी हैं।
उधर चीन, भारत और ब्राजील जैसे उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों समेत 20 देशों के समूह ने वित्तीय क्षेत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए उलब्ध आर्थिक एवं वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल करने का भरोसा दिलाया।
लेकिन, ये तमाम प्रयास कितने असरदार होने वाले हैं, इसका संकेत सोमवार को बाजार खुलने के बाद मिल जएगा। क्योंकि बाजार के रूख से ही पता चलेगा कि निवेशकों का भरोसा बहाल हुआ है या नहीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।