खिलाड़ी से वैज्ञानिक बने जार्ज के कंधों पर चंद्रयान-1 का भार
चेन्नई, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। बास्केटबॉल के राज्य स्तरीय खिलाड़ी से रॉकेट वैज्ञानिक बने केरल के 58 वर्षीय जार्ज कोशी के कंधों पर देश के चंद्रमा पर पहले मानवरहित अभियान चंद्रयान-1 का भार सौंपा गया है। वे देश की इस महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष परियोजना के निदेशक हैं।
चेन्नई, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। बास्केटबॉल के राज्य स्तरीय खिलाड़ी से रॉकेट वैज्ञानिक बने केरल के 58 वर्षीय जार्ज कोशी के कंधों पर देश के चंद्रमा पर पहले मानवरहित अभियान चंद्रयान-1 का भार सौंपा गया है। वे देश की इस महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष परियोजना के निदेशक हैं।
आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 अक्टूबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान से चंद्रमा के लिए चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया जाएगा।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई से एम-टेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद जार्ज वर्ष 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़ गए।
जिस प्रकार बास्केटबॉल में मैदान में खिलाड़ी का कोई स्थान निश्चित नहीं रहता, ठीक उसी तरह जार्ज ने भी इसरो के विभिन्न विभागों में काम किया। इसरो के पहले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के लिए भी उन्होंने काम किया।
जार्ज ने आईएएनएस को बताया कि उनके लिए चंद्रयान तीसरा सबसे प्रमुख अंतरिक्ष मिशन है। उन्होंने चंद्रयान-1 की संरचना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानवरहित चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-1 को चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
बास्केटबॉल से रॉकेट वैज्ञानिक बने जार्ज का वर्ष 2010 में अवकाश ग्रहण करने की संभावना है। उन्हें अपने करियर से काफी प्यार है। उन्होंने कहा, "यदि मुझे एक बार फिर से करियर शुरू करने का मौका मिलेगा तो भी मैं इसरो का ही कर्मचारी बनना चाहूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।