सांप्रदायिक हिंसा भारत की गंगा-जमुनी तहजीब पर हमला : मनमोहन
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। सांप्रदायिक ताकतों पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि ये खतरनाक होने के साथ ही भारत की मिली जुली संस्कृति पर एक हमला हैं और इनसे कड़ाई से निपटने की जरूरत है।
राष्ट्रीय एकता परिषद का उद्घाटन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि आज समुदायों के बीच गलत विभाजन रेखा विकसित हो रही है। उड़ीसा, कर्नाटक, और असम की घटनाओं से हर सही सोच वाले व्यक्ति को तकलीफ हुई है,जहां हिंदू,ईसाई, मुस्लिम और आदिवासी समुदायों के बीच संघर्ष हुए हैं।
उड़ीसा और कर्नाटक में ईसाइयों पर हुए हमले और असम तथा महाराष्ट्र में पिछले महीने हुई सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशी ताकतों की रूचि के कारण स्थिति और बिगड़ी है जो भारत की एकता को नष्ट करना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक परेशान करने वाला खतरनाक पहलू है यह कि आज भारत की मिली-जुली संस्कृति पर हमला हो रहा है,जहां नस्लीय और धार्मिक समुदाय सदियों से एक दूसरे के साथ शांतिपूर्वक रहते आए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि घृणा और हिंसा का माहौल कृत्रिम रूप से पैदा किया जा रहा है। कुछ ताकतें जानबूझ कर ऐसी प्रवृत्तियों को बढ़ावा दे रही हैं और तर्कहीन हिंसा में लिप्त आतंकवादी समूह भी इसमें योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने हिंसा में शामिल किसी संगठन के नाम का उल्लेख नहीं करते हुए कहा कि इनके साथ कड़ाई से निपटने की जरूरत है। इसके साथ ही ऐसे संगठनों से निपटने में लगी ताकतों के बीच बेहतर आपसी समझ की आवश्यकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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