रायबरेली रेल कोच फैक्टरी को दी गई जमीन माया सरकार ने वापस ली (लीड-1)
लखनऊ/रायबरेली, अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज उस वक्त तगड़ा झटका दिया जब उनकी सरकार ने किसानों के आक्रोश का हवाला देते हुए सोनिया के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में प्रस्तावित रेल कोच फैक्टरी के लिये अधिग्रहित की गई जमीन वापस ले लेने का फैसला किया। हालांकि उत्तरप्रदेश सरकार ने प्रस्तावित कारखाने के लिये कहीं और जमीन उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार ने रेल कोच फैक्ट्री के लिए ग्राम सभा की अधिग्रहित भूमि को किसानों के विरोध को देखते हुए वापस लेने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि रायबरेली के जिलाधिकारी द्वारा पिछले शुक्रवार को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है, " प्रस्तावित रेल फैक्टरी को लेकर प्रभावित गांव और आसपास के किसानों में आक्रोश है। किसान आत्महत्या करने की धमकी दे रहे हैं।" उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को प्रस्तावित कारखाने के लिये कहीं और जमीन उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
उधर, रायबरेली के जिलाधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया कि रेल विभाग की तरफ से अभी तक एक एकड़ भूमि का भी अधिग्रहण नहीं किया गया है। रेल विभाग के पास राज्य सरकार द्वारा दी गई 400 एकड़ जमीन के अलावा कोई भू-भाग नहीं है। जबकि रेल विभाग ने कहा था कि उसकी तरफ से 1200 एकड़ भूमि अधिग्रहित कर ली गई है। इसी बात को लेकर स्थानीय लोगों में असंतोष पैदा हो गया है। इस इलाके की अधिसंख्य आबादी पिछड़े व दलितों की है।
कांग्रेस की उत्तरप्रदेश इकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बसपा सरकार ने राजनीतिक विद्वेष की भावना से यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि रेल कोच फैक्टरी से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता और पूरे इलाके का विकास होता लेकिन विकास विरोधी मायावती सरकार से यह देखा नहीं गया।
राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने राज्य सरकार के दावे को गलत बताते हुए कहा कि रेल कोच फैक्टरी के लिए अधिग्रहित जमीन बंजर थी न कि उपजाऊ। ऐसे में किसानों के विरोध का कोई सवाल ही नहीं उठता।
उधर, सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि के. एल. शर्मा ने रायबरेली में कांग्रेसी नेताओं के साथ सोनिया के दौरे के स्वरूप को लेकर बैठक की। राज्य सरकार के ताजा फैसले के बाद सोनिया गांधी का दौरा रद्द होने की अटकलों को स्थानीय कांग्रेसी नेता खारिज कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि करीब पंद्रह सौ करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले लालगंज रेल कोच कारखाने का पिछले साल फरवरी में सोनिया गांधी और रेल मंत्री लालू यादव ने शिलान्यास किया था। इस कारखाने में हर साल 1000 रेल कोच का निर्माण होना था। आगामी 14 अक्टूबर को रेल कोच फैक्टरी का भूमि पूजन होना प्रस्तावित है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।