रोम गए भारतीय कार्डिनल बीमार
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। सिस्टर अल्फोंसा को संत की उपाधि दिए जाने के समारोह में हिस्सा लेने वेटिकन पहुंचे भारतीय कैथोलिक प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख वार्की विथयाथिल को सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में दाखिल कराया गया। यह जानकारी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने रविवार को दी।
कार्डिनल विथयाथिल को शनिवार को अस्पताल में दाखिल कराया गया था और इस वजह से वे बासिलिका आफ सेंट एंथनी चर्च में आयोजित उस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए जिसमें सिस्टर अल्फोंसा की जीवनी पढ़ी गई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ गए कांग्रेस के सांसद के.वी.थामस ने समाचार की पुष्टि करते हुए कहा कि विथयाथिल की हालत स्थिर बनी हुई है।
प्रतिनिधिमंडल के एक अन्य सदस्य ने बताया कि वे मुख्य समारोह में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पोप बेनेडिक्ट ने एक जून, 2007 को सिस्टर अल्फोंजा के नाम को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। उल्लेखनीय है कि उन्हें संत घोषित करने की प्रक्रिया 55 वर्ष पहले प्रारंभ हुई थी। इससे पहले वर्ष 1986 में पोप जॉन पाल द्वितीय ने उन्हें 'धन्य' घोषित किया था। कैथोलिक परंपरा में इसे 'बेटिफिकेशन' कहा जाता है।
सिस्टर अल्फोंसा का जन्म सन 1910 में केरल में कोट्टायम के निकट एक गांव कुडामालूर में हुआ था सन 1946 में मात्र 36 वर्ष की अवस्था में उनकी मौत हो गई थी।
सिस्टर वेटिकन द्वारा संत घोषित की जाने वाली दूसरी भारतीय होंगी। इससे पहले 19 वीं सदी में संत गोंसालो गार्सिया को यह उपाधि दी गई थी।
संत गार्सिया एक भारतीय मां और पुर्तगाली पिता की संतान थे। उनका जन्म सन 1556 में मुंबई के निकट वासी में हुआ था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।