सिस्टर अल्फोंसा देश की पहली कैथोलिक संत घोषित (लीड-3)
के.वी. थामस
के.वी. थामस
वेटिकन सिटी, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। "उन्होंने दूसरों के कष्ट दूर करने के लिए खुद कष्ट उठाए।" पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने सेंट पीटर्स स्क्वोयर में आयोजित एक भव्य समारोह में रविवार को सिस्टर अल्फोंसा को भारत की पहली संत की उपाधि प्रदान करते हुए यह बात कही।
समारोह में एक विशाल भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अलावा लगभग 25,000 भारतीय मूल के लोग शामिल हुए। समारोह भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे से आरंभ होकर 2.40 बजे समाप्त हुआ।
देश में गिरजाघरों के 2,000 सालों के इतिहास में यह उपाधि पाने वाली अल्फोंसा पहली महिला हैं। उन्हें यह उपाधि भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजे प्रदान की गई।
समारोह की शुरुआत 'फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कांग्रेगेशन' की प्रमुख सिस्टर सेलिया द्वारा पोप को सिस्टर अल्फोंसा के पवित्र अवशेष सौंपने के साथ हुई। उनके साथ फादर फ्रांसिस वडाक्कल और केरल के पूर्व मंत्री के.एम. मणि भी थे। सिस्टर अल्फोंसा भी इसी धार्मिक संस्था से ताल्लुक रखती थीं।
पवित्र बाइबिल के कुछ उद्धरणों के वाचन के बाद पोप ने अंग्रेजी भाषा में बोलते हुए सिस्टर अल्फोंसा को संत घोषित किया। समारोह के बाद पोप ने अल्फोंसा की जीवनी भी पढ़ी।
इस अवसर पर भारत का 15 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था जिसमें केंद्रीय श्रम मंत्री आस्कर फर्नाडीज शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि पोप बेनेडिक्ट ने एक जून, 2007 को सिस्टर अल्फोंजा के नाम को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। उल्लेखनीय है कि उन्हें संत घोषित करने की प्रक्रिया 55 वर्ष पहले प्रारंभ हुई थी। इससे पहले वर्ष 1986 में पोप जॉन पाल द्वितीय ने उन्हें 'धन्य' घोषित किया था। कैथोलिक परंपरा में इसे 'बेटिफिकेशन' कहा जाता है।
सिस्टर अल्फोंसा का जन्म सन 1910 में केरल में कोट्टायम के निकट एक गांव कुडामालूर में हुआ था सन 1946 में मात्र 36 वर्ष की अवस्था में उनकी मौत हो गई थी।
सिस्टर वेटिकन द्वारा संत घोषित की जाने वाली दूसरी भारतीय होंगी। इससे पहले 19 वीं सदी में संत गोंसालो गार्सिया को यह उपाधि दी गई थी।
संत गार्सिया एक भारतीय मां और पुर्तगाली पिता की संतान थे। उनका जन्म सन 1556 में मुंबई के निकट वासी में हुआ था।
(के.वी. थामस केरल के विधायक और एक विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक हैं। वे केंद्रीय मंत्री आस्कर फर्नाडीज के नेतृत्व में गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं।)
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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