21वीं सदी में नये द्वार खोलेगा करार
राइस ने यह बात शुक्रवार शाम को भारत और अमेरिका के बीच करार पर हस्ताक्षर करने के बाद कही। भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस द्वारा द्विपक्षीय 123 समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार पूरा हो गया है।
दोनो मंत्रियों ने विदेश विभाग के बेंजामिन फ्रैंकलिन कक्ष में शाम लगभग चार बजे (भारतीय समयानुसार रात 1.30 बजे) हस्ताक्षर किए। भारत और अमेरिका ने रणनीतिक साझेदारी के जरिए नई विश्व व्यवस्था बनाने की प्रतिबद्धता के साथ हुए इस करार के बाद विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस मौके पर कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच साझेदारी और बदलते संबंधों का एक और महत्वपूर्ण संकेत है।
राइस
ने
कहा
कि
यह
दोनों
देशों
के
बीच
साझेदारी
की
अपार
संभावनाओं
को
दर्शाता
है।
अब
इन
क्षमताओं
का
पूरा
इस्तेमाल
हो
सकेगा।
उन्होंने
कहा
कि
इस
साझेदारी
से
जलवायु
परिवर्तन,
आतंकवाद,
हिंसक
कट्टरपंथ,
अंतरराष्ट्रीय
अपराध
और
सामूहिक
विनाश
के
हथियारों
के
प्रसार
जैसी
मौजूदा
दौर
की
सभी
वैश्विक
चुनौतियों
से
दोनों
देश
मिल
कर
लड़
सकेंगे।