सबसे बुरे दौर से गुजरे भारतीय शेयर बाजार (साप्ताहिक राउंडअप)
मुंबई, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से बड़े स्तर पर बिकवाली की वजह से भारतीय शेयर बाजारों के लिए यह सप्ताह सबसे बुरा दौर साबित हुआ। बाजार की हालत इतनी खराब रही कि मात्र चार कारोबारी दिवसों के दौरान प्रमुख सूचकांकों में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
बंबई स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 'सेंसेक्स' शुक्रवार को 10,527.85 के स्तर पर बंद हुआ। इस सप्ताह इसमें 1,998.47 अंक यानी 15.95 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पिछले सप्ताह यह 12,256.32 के स्तर पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 'निफ्टी' में भी इस सप्ताह समान रूप से गिरावट आई। शुक्रवार को यह 3,279.95 के स्तर पर बंद हुआ। इस सप्ताह इसमें 538.52 अंक यानी 14.10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पिछले सप्ताह यह 3,818.47 के स्तर पर बंद हुआ था।
बीएसई का मिडकैप सूचकांक शुक्रवार को 3,676.00 पर बंद हुआ। इस सप्ताह इसमें 1,001.8 अंक यानी 21.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पिछले सप्ताह यह 4,677.80 पर बंद हुआ था।
स्मालकैप सूचकांक की हालत भी पतली रही और इस सप्ताह यह 1,109.95 अंक यानी 20.31 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ शुक्रवार को 4,355.45 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह यह 5,465.40 पर बंद हुआ था।
दशहरा के अवसर पर गुरुवार को बाजार बंद रहे। लेकिन शेष चार कारोबारी दिवसों में एक भी दिन ऐसा नही रहा, जब सेंसेक्स बढ़त पर बंद हुआ हो।
बीएसई के आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले महीने भारतीय शेयर बाजारों में कुल मिलाकर 28.20 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले एक साल के दौरान इसमें 43.58 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं। नुकसान की भरपाई और देनदारियां चुकाने के लिए उन्हें मजबूरन ऐसा करना पड़ रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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