लंबे अर्से तक बंदी बनाना कानून के विरूद्ध : सू की
यांगून, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। म्यांमार में विपक्ष की नेता एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानिक आंग सांग सू की ने सरकार द्वारा उनकी हिरासत की अवधि फिर बढ़ाने के खिलाफ अपील दाखिल करते हुए कहा है कि यह देश के कानूनों का उल्लंघन है।
विपक्षी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के सूत्रों ने बताया प्रशासन को सू की की अपील उनके वकील हला मयो मिंत ने गुरुवार को सौंपी।
उनकी पार्टी ने 1990 के आम चुनावों में सफलता हासिल की थी। सू की को 1991 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था लेकिन पिछले 18 वर्षो में से 13 वर्ष वे यांगून में अपने घर में नजरबंद हैं। शांति में व्यवधान डालने के आरोप में मई 2003 से उन्हें पूरी तरह एकांत में रखा गया है।
म्यांमार के आपातकालीन नियमों के मुताबिक राजनीतिक बंदियों को शांति में व्यवधान डालने के लिए अधिकतम पांच वर्ष तक हिरासत में रखा जा सकता है, लेकिन सू की की हिरासत की अवधि गत मई में छह महीने और बढ़ा दी गई।
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार म्यांमार की सत्तारूढ़ जुंटा की ओर से सू की रिहाई को लेकर मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। ऐसे भी संकेत हैं कि उन्हें छह महीने के भीतर रिहा किया जा सकता है, जबकि बहुत से विश्लेषकों का मानना है कि 2010 के आम चुनावों से पहले उनकी रिहाई की संभावना नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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