परमाणुा करार : आश्वासनों के साथ बुश ने लगाई विधेयक पर मुहर
अरुण कुमार
अरुण कुमार
वाशिंगटन, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज बुश ने इस आश्वासन के साथ भारत-अमेरिकी असैन्य परमाणु समझौते संबंधी ऐतिहासिक विधेयक पर मुहर लगा दी कि इससे परमाणु ईंधन आपूर्ति और इस्तेमाल हो चुके ईंधन के पुर्नससाधन को लेकर उनके देश की प्रतिबद्धताएं यथावत रहेंगी।
व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में भारतीय समय के अनुसार रात 12.04 बजे आयोजित एक समारोह में बुश ने अमेरिकी संसद द्वारा पारित इस विधेयक पर दस्तखत करते हुए इसे 'महत्वपूर्ण करार' बताया। इस अवसर पर बुश ने कहा, "असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नए सहयोग से भारत के अपने असैन्य रिएक्टरों को विश्वसनीय ईंधन आपूर्ति कर सकेगा।"
राष्ट्रपति बुश के इस आश्वासन से भारत को दो महत्वपूर्ण मसलों पर उसकी आशंकाएं दूर करने में मदद मिलेगी। बुश ने कहा कि इस कानून में 123 करार की शर्तो में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। बुश ने कहा कि इस कानून से दोनों देशों के बीच हुए करार को अमली जामा पहनाया जा सकेगा और उसमें अमेरिका की ओर से व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं को स्वीकृति मिलेगी।
बुश ने कहा कि इससे असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी और सामग्री के उभरते बाजार तक अमेरिका की पहुंच कायम होगी जिससे अमेरिकी कारोबारियों को देश की जनता के लिए रोजगार के साधन पैदा करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस करार से 150 अरब डॉलर का परमाणु कारोबार होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 'प्रिय मित्र' करार देते हुए बुश ने कहा कि इस विधेयक को कांग्रेस की मंजूरी दोनों देशों के रिश्तों में बदलाव लाने और उनमें रणनीतिक साझेदारी कायम करने के उस स्वपन को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी जिसकी शुरुआत 18 जुलाई 2005 में मनमोहन सिंह और उन्होंने ने की थी।
इस समारोह में अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी, राइस, ऊर्जा मंत्री सैमुअल बोडमैन,अमेरिका में भारत के राजदूत रॉनेन सेन और भारत में अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड मौजूद थे। इनमें अलावा सांसद, राजनयिक, भारतीय मूल की प्रमुख अमेरिकी हस्तियां और अधिकारी भी इस समारोह में शरीक हुए।
बुश के हस्ताक्षर के बाद अब 123 करार पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के हस्ताक्षरों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता सीन मैक्कारमेक के मुताबिक प्रणव मुखर्जी और अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस इस करार पर शुक्रवार को वाशिंगटन में दस्तखत करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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