आडवाणी से मिले ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। उड़ीसा और कर्नाटक में फैली सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
इस मुलाकात में यह सहमति बनी कि सबसे पहले ईसाई समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा हर हाल में रुकनी चाहिए। साथ ही बल व धन के प्रभाव से होने वाले धर्मातरणों पर भी रोक लगनी चाहिए।
आडवाणी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, "लगभग दो घंटे तक चली यह बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। बैठक में ईसाई नेताओं ने स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार शिष्यों की पिछले दिनों हुई हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की तो आडवाणी ने उड़ीसा में एक नन के साथ हुए बलात्कार की घटना को मानवता के विरूद्ध एक शर्मनाक अपराध बताया।"
बैठक में दोनों पक्षों ने इस बात पर आम सहमति जताई कि दूसरे धर्मो और पंथों को बदनाम करके तथा बल, छल-कपट और प्रलोभन के तरीके अपनाकर धर्म परिवर्तन या घर वापसी कराना निंदनीय है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश के स्वामी चिदानन्द सरस्वती की पहल पर यह बैठक मुलाकात आयोजित की गई थी। इस मुलाकात में ईसाई नेताओं की ओर से दिल्ली विंसेंट कोंसेसाओ के आर्चबिशप, उड़ीसा राफेल चीनथ के आर्चबिशप और दिल्ली कैथोलिक आर्चडियोसिस के प्रवक्ता शामिल हुए तो भाजपा की ओर से आडवाणी के अलावा पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा, और पार्टी के रणनीतिकार सुधीन्द्र कुलकर्णी मौजूद थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।