सोरेन के 'कुलगुरु' पुतले के दहन के लिए झारखंड में कोई वीआईपी राजी नहीं
रांची, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के रावण को अपना 'कुलगुरु' और महान पंडित की संज्ञा देने और उसके पुतला दहन से इंकार के बाद रांची की एक रामलीला आयोजकों को दशहरा के दिन रावण का पुतला जलाने के लिए एक वीआईपी की खोज में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
सोरेन के इंकार के बाद पंजाबी हिंदू बिरादरी (पीएचबी) ने राज्य के उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो से रावण के पुतला दहन का अनुरोध किया। परंतु झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही महतो ने भी उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया। महतो ने कहा कि वे दशहरा के दिन अपने परिवार के साथ जमशेदपुर में रहेंगे, इसलिए वे इस सम्मान को स्वीकार करने में असमर्थ हैं।
पीएचबी ने मुख्य अतिथि के कार्ड तीन अलग-अलग नामों से छपवाए हैं लेकिन यह अभी भी साफ नहींे है कौन अतिविशिष्ट व्यक्ति रावण के पुतले को आग लगाएगा।
पहले आमंत्रण पत्र पर मुख्यमंत्री शिबू सोरन का नाम मुख्य अतिथि के रूप में और दूसरे पर उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो का नाम मुख्य अतिथि के रूप में लिखा है। तीसरा निमंत्रण पत्र राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री बंधु तिर्की के नाम से छपवाया गया है।
पीएचबी के अध्यक्ष गुलशन लाल अजमानी ने संवाददाताओं को बताया कि दशहरा के अवसर पर मोराबाड़ी मैदान पर रावण दहन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो, मानव संसाधन विकास मंत्री बंधु तिर्की रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर और रांची के मेयर को आमंत्रित किया गया है।
गौरतलब है कि झारखंड राज्य के गठन के बाद से पिछले आठ वर्षो से यह परंपरा चली आ रही थी कि मुख्यमंत्री दशहरा के दिन रावण के पुतले का दहन करता था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*