मप्र में मंत्री ने किया मंत्रिपरिषद की बैठक का बहिष्कार
भोपाल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद की बुधवार को हुई बैठक हंगामेदार रही। प्रदेश के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अखंड प्रताप सिंह ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल के पांच वर्ष पूरे होने को है और आगामी विधानसभा चुनाव के पहले की मंत्रिपरिषद की संभवत: अंतिम बैठक कई महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए बुलाई गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक नागरिक आपूर्ति मंत्री अखंड प्रताप सिंह यादव ने अपने विभागीय स्थितियों का जिक्र किया। साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य योजनाओं में व्याप्त गड़बड़ियों के लिए कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उनका आरोप था कि गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों को सरकार की ओर से संरक्षण मिल रहा है। वे आवेशित हुए और बैठक को बीच में ही छोड़कर चलते बने।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कैलाश विजयवर्गीय ने यादव के बैठक के बीच में जाने की बात आईएएनएस से स्वीकारी है। साथ ही कहा है कि यादव ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसे मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की बल्कि एक जमीन आवंटन पर असहमति जरूर जताई थी। उन्होंने बैठक का विरोध स्वरूप बहिष्कार नहीं किया है, बल्कि वे बैठक से अपने निजी कार्य से गए थे। जहां तक अधिकारियों का सहयोग न मिलने की बात है इसके लिए मंत्री को स्वयं इतना सक्षम होना चाहिए कि वह अपने विभाग का काम उनसे ठीक तरह से करा सकें।
उल्लेखनीय है कि अपने ऊपर लग रहे आरोपों की लोकायुक्त में की गई शिकायतों से अखंड प्रताप काफी परेशान चल रहे हैं और उन्होंने मंगलवार को लोकायुक्त संगठन के दफ्तर में जाकर आरोपों की जल्दी जांच कराने की मांग की थी। इतना ही नहीं उन्होंने कुछ अधिकारियों पर भी निशाना साधा था और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े थे।
मंत्रिपरिषद की बैठक को अधूरा छोड़ने के बाद अखंड यादव दिल्ली के लिए रवाना हो गए। आईएएनएस ने उनसे संपर्क करना चाहा मगर वे उपलब्ध नहीं हो सके। उनकी दिल्ली यात्रा को राजनैतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।