जापान में भारत के झण्डे तले जी रहे है पाकिस्तानी
जापान की राजधानी टोक्यो में एक हजार से भी ज्यादा भारतीय भोजन परोसने वाले रेस्त्रां है जिनमें से 80 फीसदी से ज्यादा के मालिक कराची, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर या मुल्तान के रहने वाले हैं लेकिन उनके रेस्त्रां के साइनबोर्ड में भारतीय तिरंगे ध्वज बडी शान से उकेरे हुए दिखाई देते हैं।
कुछ ही रेस्त्रां के साइनबोर्डो पर पाकिस्तानी झण्डा दिखता है और वह भी छोटा और हाशिये पर इतना ही नहीं अंदर भी दीवारों पर भारतीय ब्राण्डों की बीयर, साफ्ट ड्रिंक्स एवं अन्य उत्पादों के विज्ञापन पोस्टर लगे देखे जा सकते है।
एक पाकिस्तानी व्यवसायी ने तो अपने करीब 50 रेस्त्रां की श्रृखंला का नाम ही "ग्रेट इंडिया" रखा हुआ है। सिद्दीक खाना, पोटोहार, ओल्ड देहली आदि ऐसी ही रेस्त्रां श्रृंखलाओं में से कुछ है। इन रेस्त्रां में काम करने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी, बंगलादेशी और नेपाली नागरिक हैं।
दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन जैसे यहां के इलाके शिन्जूकू में पोटोहार समूह के एक रेस्त्रां में काम करने वाले इस्लामाबाद के मोहम्मद सगीर और कोलकाता के शेख करीमुद्दीन भाइयों की तरह काम करते हैं और उनके रेस्त्रां में अगर कभी कोई हिन्दुस्तानी या पाकिस्तानी पहुंच जाए तो वे खूब खुश होकर बड़ी खातिरदारी करते हैं।
सगीर से पूछा गया कि रेस्त्रां का मालिक पाकिस्तानी है. उसके मैनेजर की हैसियत वाले सगीर भी पाकिस्तान के है तो फिर रेस्त्रां पर सिर्फ भारतीय झण्डा और भारत का नाम क्यों? पाकिस्तान का नाम और पहचान क्यों नहीं।
इस
पर
वह
अचकचा
गये
और
करीम
का
मुंह
ताकने
लगे
फिर
कहा
"साहब
हिन्दुस्तान
को
दुनिया
जानती
है,
सलाम
करती
है"।
पाकिस्तान
को
कौन
मानता
है।
वहां
के
हालात
आप
भी
जानते
ही
होंगे।
दो
मिनट
रुक
कर
वह
फिर
बोले
आखिर
हम
अलग
हैं
कहां।
बोर्डर
बंट
जाने
से
खान-पान,
रहन-सहन
और
बोली
थोड़े
ही
बदल
जाती
है।