वायु सेना को ईंधन की खपत घटाने के निर्देश
वायु सेना को इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी) हर साल छह लाख टन से अधिक वैमानिक पेट्रोल की आपूर्ति करता है। इस आईओसी से वायु सेना की लगभग 85 प्रतिशत जरूरतें पूरी हो रही हैं।
बाकी ईंधन दूसरे तेल कम्पनियों से मिलता है। आईओसी के सूत्रों के अनुसार सेना और नौसेना के विमानन ईंधन की शत प्रतिशत जरूरतें आईओसी ही पूरी कर रहा है।
वायु सेना के सूत्रों ने कहा कि तेल की बचत के लिए नागरिक उड्डयन क्षेत्र से तालमेल बढ़ाने की कवायद की जा रही है ताकि विमानों को बेवजह आकाश में उड़ान भरते न रहना पड़े या विमान तल पर ज्यादा नहीं घुमाया जाए।
वायु सेना के एक परिवहन विमान के पायलट ने बताया कि आईएल 76 और आई एल 78 जैसे विशालकाय विमान अगर चालू इंजन की हालत में रनवे पर रहें तो ढाई टन तेल हर घंटे फुंकता है।
यदि मंजिल पर तालमेल हो और खड़े-खड़े तेल फुंकने की स्थिति को रोका जाए तो सालभर में भारी मात्रा में तेल की बचत की जा सकती है।
नागरिक उड्डयन जगत को विमानन तेल की भारी जरूरत है और ऐसे में वायु सेना पर शिकंजा कसना स्वाभाविक ही है। वायु सेना को आकाश में भी नागरिक उड़ानों के कारण समझौते करने पड़ रहे हैं।