सिंगुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टाटा मोटर्स की 'नैनो' परियोजना को सिंगुर से हटाने की औपचारिक घोषणा के बाद इस इलाके के हताश किसानों ने तृणमूल कांग्रेस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनका सबकुछ लुट गया है।
सिंगुर के ग्रामीण तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी पर बहुत नाराज हैं। ममता की अगुआई में ही नैनो परियोजना के खिलाफ लंबे अरसे तक विरोध प्रदर्शनों का दौर चला था, जिसके बाद कंपनी परियोजना को राज्य से बाहर ले जाने पर विवश हुई।
इस बीच सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने नैनो प्रकरण को 'विपक्षी दलों का षड़यंत्र' करार देते हुए 10 घंटे के बंद का आह्वान किया। इसका व्यापक असर देखा गया। ज्यादातर दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर आवाजाही भी लगभग नगण्य रही।
इस पूरे प्रकरण से निराश इलाके के बेराबेरी गांव के किसान शंकर रुइदास ने आईएएनएस से शनिवार को कहा, "हमने सबकुछ खो दिया। हमने अपनी जमीन परियोजना कि लिए दे दी थी। अब हमने उन नौकरियों को भी खो दिया है, जिसका वादा टाटा मोटर्स ने किया था।"
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) राज कनौजिया ने कहा कि इलाके में तनाव व्याप्त है।
कनौजिया ने कोलकाता में आज आइएएनएस से कहा, "तनावयुक्त माहौल को देखते हुए हमने इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है। पुलिस स्थिति पर नजर रखे हुए है।"
उधर स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे नैनो परियोजना के अस्तित्व में आने से होने वाले फायदे और इस परियोजन की विदाई से हुए नुकसान का हिसाब लगा रहे हैं और अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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