बिहार में बाढ़ राहत शिविरों से आने लगी शिकायतें
पटना, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में कोसी की प्रलंयकारी बाढ़ के बाद बनाए गए राहत शिविरों में रहने वाले लोगों का कहना है कि अब उन्हें प्र्याप्त सुविधा नहीं मिल रही है।
सहरसा के पटेल मैदान में स्थित राहत शिविर में कुमारखंड गांव निवासी मंजु देवी ने बताया, "पहले राहत शिविर में बच्चों को दूध भी दिया जाता था लेकिन अब यह सुविधा समाप्त कर दी गई है।"
इसी राहत शिविर में अपने दो बच्चों के साथ रहने वाली पतरघाट गांव की माला देवी अपने किस्मत को कोसती हुई कहती हैं कि इतने लोगों की व्यवस्था आसान नहीं है। हालांकि वे मानती हैं कि सुविधा में कटौती हुई है। उन्होंने बताया कि जब किसी बड़े नेता या अधिकारी के आने की बात होती है तो शिविर की स्थिति बदल जाती है।
दूसरी ओर कुछ राहत शिविरों में अभी भी बाढ़ पीड़ितों को ठीक सुविधाएं मिल रही हैं। मधेपुरा जिले के सिंघेश्वरस्थान के राहत शिविर में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें यहां अच्छी सुविधा मिल रही है। वहां के लोगों को भरोसा है कि आने वाले दिनों में अगर वे घर भी जाएंगे तो सरकार उनकी सुध लेगी।
इस राहत शिविर में रहने वाले अनिल यादव का कहना है कि शिविर में घर जैसी व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि शिविर में बच्चों के लिए विद्यालय तथा आंगनबाड़ी सेविकाएं तक हैं।
राज्य के आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री नीतीश मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। जहां से शिकायत मिल रही है,वहां तुरंत जांच कर सुविधाएं बहाल की जा रही हैं।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को एक क्विंटल अनाज और 2,250 रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक एक लाख 92 हजार परिवारों के बीच अनाज और नकद अनुदान बांटा जा चुका है। बाढ़ प्रभावित जिलों में फिलहाल 291 राहत शिविर , 215 चिकित्सा शिविर एवं 93 पशु शिविर संचालित हैं। सरकारी शिविरों में 3 लाख 83 हजार 974 लोग शरण लिए हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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