नैनो की विदाई से दुखी हैं कोलकातावासी
कोलकाता, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टाटा मोटर्स की 'नैनो' परियोजना को पश्चिम बंगाल से बाहर ले जाने की औपचारिक घोषणा के बाद कोलकातावासियों को ऐसा लग रहा है मानो सुनहरे भविष्य का उनका सपना टूट गया हो। स्थानीय अखबारों की सुर्खियां तो कम से कम यही कहती प्रतीत होती हैं।
टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा ने शुक्रवार शाम महत्वाकांक्षी नैनो परियोजना को पश्चिम बंगाल से किसी अन्य राज्य में ले जाने की औपचारिक घोषणा कर दी।
टाटा के इस फैसले से पश्चिम बंगाल की जनता को गहरी निराशा हुई है। शनिवार को कोलकाता के स्थानीय निवासी यह आरोप लगाते पाए गए कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के प्रति राज्य के सत्ताधारी वामपंथी मोर्चा और प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने गैर जिम्मेदार रवैया अपनाया।
सुबह लगभग तमाम स्थानीय अखबारों में नैनो परियोजना की पश्चिम बंगाल से विदाई को भारी नुकसान करार दिया गया।
बांग्ला भाषा के सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार 'आनंद बाजार पत्रिका' ने मुख्य पृष्ठ पर सुर्खी लगाई 'नैनो नेई राज्ये' (नैनो अब पश्चिम बंगाल में नहीं रही)। इसी तरह राज्य के दूसरे प्रमुख अखबार 'बर्तमान' की सुर्खी रही 'सिंगुर थेके सोरलो नैनो' (सिंगुर से हटी नैनो)।
नैनो प्रकरण के बारे में लगभग तमाम स्थानीय अखबारों ने एक सुर में कहा है कि इस परियोजना का राज्य से बाहर जाना यहां के युवाओं के सुनहरे सपनों के बिखरने जैसा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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