ब्रिटेन पर परमाणु हमले के बाद की उद्घोषणा तैयार की थी बीबीसी ने
लंदन, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। "यह युद्धकालीन प्रसारण सेवा है। देश पर परमाणु हथियारों से हमला किया गया है।" यदि कभी ऐसा प्रसारण होता तो यह रेडियो इतिहास की सबसे नाटकीय घोषणा होती।
लंदन, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। "यह युद्धकालीन प्रसारण सेवा है। देश पर परमाणु हथियारों से हमला किया गया है।" यदि कभी ऐसा प्रसारण होता तो यह रेडियो इतिहास की सबसे नाटकीय घोषणा होती।
बीबीसी ने ब्रिटेन पर किसी परमाणु हमले के बाद इसे प्रसारित करने की योजना बनाई थी। इसकी पटकथा 1973-75 के दौरान शीतयुद्ध काल में सरकार से परामर्श के बाद निश्चित की गई थी। इसे अभी हाल में ब्रिटिश अभिलेखागार से प्रसारित किया गया है।
इस प्रसारण में आरंभिक चेतावनी के बाद कहा जाना था, "संचार व्यवस्था बुरी तरह बाधित है और मृतकों की संख्या तथा अन्य नुकसान का अभी पता नहीं चला है। हम जितना जल्दी संभव हो सकेगा अन्य सूचना देंगे। बहरहाल आप इसी वेवलेंथ पर बने रहें, शांत रहें और घर पर रूके रहें।"
प्रसारण में विकिरण के भय से लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा जाने वाला था। बीबीसी भोजन और पानी को सुरक्षित रखने के निर्देश भी प्रसारित करने वाला था।
बीबीसी के अनुसार पटकथा के साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि वास्तव में किसकी आवाज में इसका प्रसारण किया जाएगा। जून 1974 में पोस्ट एंड टेलीकम्युनिकेशन विभाग के हेराल्ड ग्रीनवुड ने बीबीसी को लिखा,"द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हमने स्टुअर्ट हिब्बर्ड अल्वार लिडेल और अन्य मुख्य समाचार वाचकों की आवाज को मान्यता दी थी। "
ग्रीनवुड ने अपने पत्र में कहा कि उनको आशा है कि बीबीसी हमले या उसी के समान अन्य स्थिति में प्रमाणिकता के साथ खास आवाज का उपयोग करेगा।
ग्रीनवुड को भय था कि किसी अपरिचित आवाज से ऐसी घोषणा करवाने पर लोग उस पर विश्वास नहीं करेंगे। यदि इसे हर घंटे लगातार 12 घंटे तक दोहराया गया तो जनता यह संदेह करेगी कि वे किसी मशीन की आवाज सुन रहें हैं जिसे हर घंटे पर चालू कर दिया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**