ईद: मुबारक दिन पर खुशी की लहर

By Staff
Google Oneindia News

Jama Masjid
नई दिल्‍ली, 2 अक्‍टूबर: ईद-उल-फितर में फितर का मतलब दान होता है। ईद के दिन यदि किसी मुसलमान के सामने कोई भूखा रह जाये तो उसकी नमाज खुदा के दरबार में कुबूल नहीं की जाती। मुसलमानों के सबसे बड़े त्‍योहार ईद के मौके पर पूरे देश में रौनक दिखी। देश भर में हर्षोल्‍लास के साथ ईद मनाई गई।

सुबह नौ बजे दिल्‍ली की जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी। वहीं हैदराबाद, कोलकाता, चेन्‍नई, बंगलुरु और मुम्‍बई समेत सभी शहरों में कड़ी सुरक्षा के बीच ईद की नमाज हुई। लखनऊ और अलीगढ़ में भी ईद की उमंग जगह-जगह देखने को मिली।

इस बार ईद की खासियत यह है कि इस बार यह त्‍योहार देश के राष्‍ट्र पिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के साथ पड़ा है। इसके चलते ईद में मजहबी खुश्‍बू के साथ देश भक्ति का भी रंग घुला हुआ है।

पैगाम-ए-नफरत के खिलाफ पैगाम-ए-मोहब्बत ये दोनों ही मुबारक मौकों का संदेश है, जिसकी आज हमारे समाज को बड़ी सख्त जरूरत है। घर में, दफ्तर में, फन में, हर चीज में मोहब्बत का रोल जोड़ने वाला है।

अंधेरे से अंधेरे समय में भी इससे कुछ रोशनी मिल सकती है। दहशतगर्दी का जो तूफान आज देश पर मंडरा रहा है, उसका मुकाबला आपसी मोहब्बत के जरिए ही किया जा सकता है। दहशतगर्दी की बुनियादी वजह समाज में कुछ तबकों का अलिएनेशन है।

अलिएनेट करने वाला और होने वाला, दोनों ही इसके लिए दोषी हैं। यूनाइटेड नेशंस की इमारत पर शेख सादी का एक शेर लिखा है, जिसका मतलब है- समाज एक जिस्म की तरह होता है, जिसके एक हिस्से में तकलीफ हो तो उसका असर बाकी हिस्सों पर भी पड़ता है। और अगर ऐसा न हो रहा हो तो होना चाहिए।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X