बॉर्डर ने भारतीय टीम को बूढ़ों की सेना बताया
सिडनी, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने आस्ट्रेलिया के साथ खेली जाने वाली चार मैचों की टेस्ट श्रंखला के पहले दो मैचों के चयनित भारतीय टीम को 'डैड्स आर्मी' (बूढ़ों की सेना) करार दिया है।
'फॉक्स स्पोर्ट्स' से बातचीत के दौरान बॉर्डर ने कहा कि टेस्ट टीम का चयन करते वक्त भारतीय चयनकर्ताओं ने थोड़ी भी माथापच्ची करने की जरूरत नहीं समझी और खुद को सुरक्षित रखते हुए टीम में ऐसे खिलाड़ियों को शामिल किया, जिन्हें सही मायने में अब तक संन्यास ले लेना चाहिए था।
वैसे तो बॉर्डर के इस बयान को भारत-आस्ट्रेलिया श्रंखला से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की रणनीति के तहत नियमित बयानबाजी का हिस्सा माना जाना चाहिए लेकिन भारतीय टीम की आलोचना करते वक्त बॉर्डर यह भूल गए कि आस्ट्रेलिया दुनिया सबसे उम्रदराज खिलाड़ियों को अपनी टीम में जगह देने के लिए विख्यात रहा है।
यह किसी से छुपा नहीं है कि मौजूदा आस्ट्रेलियाई टीम में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी शामिल हैं जो संन्यास की उम्र पार कर चुके हैं। एक खिलाड़ी (स्पिनर ब्रायस मैक्गिन) तो ऐसा भी है जो 36 वर्ष की उम्र में पहला टेस्ट खेलने की तैयारी कर रहा है।
बहरहाल, बार्डर ने कहा कि भारत को अब युवा खिलाड़ियों की तरफ देखना चाहिए। साथ ही बॉर्डर ने यह भी कहा कि आगामी श्रंखला भारत के पांच दिग्गजों सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले और वी.वी.एस. लक्ष्मण के लिए आखिरी मौका साबित होगी।
बॉर्डर के मुताबिक बड़ी संख्या में वरिष्ठ खिलाड़ियों को आस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनने का एक कारण और भी हो सकता है। उन्होने कहा, "भारतीय बोर्ड चाहता है कि उनके ये खिलाड़ी धमाकेदार प्रदर्शन के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहें।"
बॉर्डर मानते हैं कि शुरुआती मैचों में अगर आस्ट्रेलियाई टीम भारत पर हावी हो जाती है तो भारतीय टीम प्रबंधन की सारी रणनीति बेकार साबित होगी। बॉर्डर ने कहा, "कुल मिलाकर हमारे लिए गांगुली का चयन फायदेमंद रहेगा क्योंकि उनकी नाकामी के बाद भारत के पास पांचवें क्रम पर आजमाने के लिए और कोई बेहतर विकल्प नहीं रह जाएगा और हमें इसका सीधा फायदा मिलेगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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