नवरात्रि में गुजराती रंग में रंग गया इंदौर
इंदौर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। नवरात्रि के मौके पर मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर गुजराती रंग में रंग चुका है। यहां जगह-जगह गरबा और डांडिया की धूम मची हुई है। पिछले सात दशकों से चले आ रहे इस क्रम में कुछ बदलाव तो आए हैं मगर गुजराती छाप अब भी बरकरार है। इस बार सुरक्षा के लिहाज से सभी आयोजन स्थलों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं।
यह शहर धार्मिक और रंगारंग कार्यक्रमों के कारण अपनी अलग पहचान बना चुका है। कार्यक्रम कोई भी हो उसमें हर वर्ग की हिस्सेदारी साफ नजर आती है। नवरात्र में शहर के हर चौराहे, गली और मैदानों में सिर्फ गरबा की गूंज सुनाई दे रही है।
गरबा और डांडिया की धूम मचाने के लिए यहां गुजरात से कई टोलियां आईं हुई हैं। यहां के खेल प्रशाल में पिछले दो दशकों से गरबा का आयोजन होता आ रहा है। कार्यक्रम के संयोजक अनिल भंडारी ने आईएएनएस को बताया, "गरबा में वक्त के साथ बदलाव आया है और उसमें डिस्को डांडिया का भी शोर सुनाई देने लगा है। पहले माता की आरती पर लोग गरबा खेलते थे मगर अब फिल्मी गीतों पर भी लोग झूमने लगे है।" उनका कहना है कि उनकी आयोजन समिति द्वारा माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है और उन्हीं के गीतों पर लोग गरबा करते हैं।
नवरात्र पर इंदौर में लगभग 500 स्थानों पर दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है और गरबा खेला जा रहा है। एक वक्त था जब इंदौर में कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही गरबा के आयोजन होते थे मगर अब स्थितियां बदल चुकी है और युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक गरबा करने में पीछे नहीं रहते।
देश में बढ़ते आतंकवाद और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेन्ट इस्लामिक मूवमेन्ट ऑफ इंडिया (सिमी) का गढ़ इंदौर होने के कारण जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सुरक्षा इंतजामों के मद्देनजर गरबा में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को फोटो युक्त परिचय पत्र तो जारी किया गया है साथ ही रात 11.30 बजे तक ही गरबा की अनुमति दी गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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