नरेगा में न्यायिक सेवा संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण : मनमोहन
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन में न्यायिक सेवा से जुड़ी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक सेवा संस्थाओं द्वारा केंद्रीय योजनाओं के बारे में ग्रामीणों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आना स्वागत योग्य कदम है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के सिलसिले में ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए मौजूदा तंत्रों को और भी दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "मैंने इसके लिए पहले से ही दिशा-निर्देश जारी कर रखा है ताकि हम अपने महत्वपूर्ण योजनाओं को सही अर्थो में जमीन पर उतार सकें।"
उन्होंने कहा कि देश में एक तरफ जहां निरक्षरता है, वहीं लोगों में केंद्रीय योजनाओं को लेकर जागरूकता का अभाव है। ऐसे में राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तरीय न्यायिक सेवा संस्थाओं व संबंधित अधिकारियों का महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आना एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण जनता को शिक्षित करना और उन्हें जागरूक बनाना बेहद जरूरी है। जब तक लोगों को योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होगी, वे कैसे सामने आएंगे। उन्हें कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "लोगों को सिर्फ जाब कार्ड से मतलब नहीं होना चाहिए। उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि उनमें से 10 लोग इकट्ठे होकर रोजगार की मांग कर सकते हैं और इसके एवज में 15 दिनों का मेहनताना पा सकते हैं।"
नरेगा को संप्रग सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यह गरीब जनता के लिए वरदान की तरह है। यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था विश्व के किसी और देश में नहीं है।
उन्होंने कहा कि नरेगा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कल्पना थी। उन्होंने कहा है कि इस योजना का लाभ ले रहे लाखों लोगों का प्रतिदिन उन्हें आशीर्वाद मिलता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।