रमजान और नवरात्रि में फर्क नहीं है फारुकी परिवार के लिए
इंदौर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान। कुछ ऐसी ही मान्यता रखते हैं इंदौर निवासी अफाक फारुकी। उनके लिए रमजान और नवरात्रि में कोई फर्क नहीं है। वे दोनों त्योहारों को एक जैसे उत्साह से मनाते हैं। फारुकी रमजान के महीने में रोजे रखते हैं तो नवरात्रि में देवी की प्रतिमा स्थापित कर गरबा का आयोजन करते हैं।
इंदौर के धार रोड पर स्थित गुरुनानक टिम्बर मार्केट में देवी गीतों और गरबा की धूम शुरू हो गई है जिसके मुख्य आयोजक फारुकी ही हैं। अभी रोजे खत्म नहीं हुए हैं और उनका नवरात्रि का व्रत शुरू हो गया है। पिछले सात सालों से वे अपने परिवार के साथ मिलकर देवी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और गरबा तो जैसे उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।
फारुकी ने बताया कि वे वर्षो से देखते आ रहे थे कि उनके क्षेत्र के लड़के-लड़कियां दूसरी जगह गरबा खेलने जाते हैं। एक दफा उनके दिमाग में आया कि क्यों न गुरुनानक टिम्बर मार्केट में देवी प्रतिमा स्थापित कर गरबा का आयोजन किया जाए। इसके लिए उन्होंने अपने कुछ साथियों से मशविरा किया। इसके बाद युवा एकता ग्रुप बनाया गया और नवरात्रि पर प्रतिमा की स्थापना का सिलसिला चल पड़ा।
पिछले सात सालों से यह क्रम लगातार चला आ रहा है। वे देवी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और स्वयं व्रत भी रखते हैं। इसमें उन्हें परिवार का पूरा साथ मिलता है। परिवार के सदस्य गरबा खेलने आने वालों की पूरी मदद करते हैं। बेटियां तो गरबा का प्रशिक्षण तक देती हैं। इतना ही नहीं व्रत रखने वालों के लिए फारुकी परिवार फलाहार का इंतजाम भी करता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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