निजी क्षेत्र परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में भागीदारी में सक्षम : फिक्की
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिकी सीनेट से भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते से संबंधित विधेयक के पारित होने के एक दिन बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने गुरुवार को सरकार से आग्रह किया है कि वह देश में परमाणु ऊर्जा क्षमता के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर तुरंत कदम उठाए।
फिक्की के अनुसार भारत के निजी क्षेत्र के पास परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में भागीदारी करने की क्षमता पहले से ही उपलब्ध है।
फिक्की ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेशकों को ऊर्जा परियोजनाओं का अधिकांश स्वामित्व हासिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
अगले 25 वर्षो में देश में 60,000 मेगावाट नाभिकीय ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है, इसके लिए 100 अरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।
सरकार पहले ही 10 नाभिकीय ऊर्जा परियोजनाओं पर विचार कर रही है।
नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी), रिलायंस एनर्जी, टाटा पॉवर, लार्सन एंड टुब्रो और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड जैसी कंपनियां अब परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में जनरल इलेक्ट्रिक, वेस्टिंगहाउस, अरेवा और एटमास्ट्रॉय जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ भागीदार के रूप में काम करने की संभावना की ओर देख रही हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।