जोधपुर मंदिर भगदड़ की न्‍यायिक जांच होगी
मंगलवार की रात तक मंदिर में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 150 हो गई थी। घायलों को जिन तीन अस्पतालों में भर्ती कराया गया है वहां से आ रही सूचनाओं के मुताबिक मृतकों की संख्या 195 पहुंच चुकी है।
प्रदेश सरकार ने मृतकों के सम्मान में बुधवार को राजकीय शोक घोषित कर दिया है। राज्य के गृह मंत्री जीसी कटारिया ने इसे बड़ा हादसा करार देते हुए बताया कि हादसे में 150 लोग मारे गए हैं। उन्होंने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका भी व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि दर्जनों घायलों की हालत काफी गंभीर है।
गृह मंत्री कटारिया ने कहा कि पुरुषों की कतार में लगे अवरोधक के टूटने और एक पुरुष के गिर जाने के बाद भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा कि लोग एक दूसरे पर गिरने लगे थे, जिस कारण हादसे ने बड़ा रूप ले लिया।
अधिकारियों के अनुसार यह देश में हुई इस तरह की कुछ सबसे दुखद दुर्घटनाओं में एक है। मारे जाने वाले अधिकतर पुरुष हैं। यह हादसा उस समय हुआ जब लोग पूजा के बाद मंदिर से लौट रहे थे। पुरुषों की कतार में लगे एक अवरोधक के टूट जाने से लोग एक दूसरे पर गिरने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।
पुलिस सूत्रों और स्थानीय लोगों के अनुसार पूजा के लिए मंदिर के खुलने के तीन घंटे बाद करीब छह बजे भगदड़ मची। दुर्घटना के समय मंदिर में करीब 10 हजार लोग थे। प्रत्यक्षदशिर्यो के अनुसार करीब आधे घंटे तक भगदड़ जैसी स्थिति बनी रही। घटना के घंटों बाद लोग अपने परिचितों और रिश्तेदारों की खोज में परेशान होकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल दौड़ते रहे।
राजस्थान में हुए इस हादसे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। प्रधानमंत्री इस समय फ्रांस में हैं।
प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह बड़े त्यौहारों के अवसर पर ऐसी त्रासद घटनाओं को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन दल का गठन करे।