बीएसईः डॉलर और रुपये का वायदा कारोबार
परिचालन अधिकारी एम. एल. सोनेजी ने जानकारी देते हुए कहा कि "मुद्रा वायदा कारोबार से विभिन्न प्रतिस्पर्धियों को हेजिंग से संबंधी जोखिम कम करने में मदद मिलेगी।
मुद्रा प्रतिभूतियों का इस्तेमाल ज्यादातर छोटे और मध्यम दर्ज के उद्योग करते हैं। उन्हें इनकी जरूरत अंतर्राष्ट्रीय सौदों को निपटाने और हेजिंग जोखिम कम करने के लिए होती है, क्योंकि मुद्रा के भाव निरंतर घटते-बढ़ते रहते हैं।
हेजिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें नुकसान की दिशा में वायदा सौदे किए जाते हैं, ताकि अगर वास्तविक सौदे पर नुकसान हो तो वायदा सौदा मुनाफे में बदल जाए और मुख्य सौदे पर नुकसान कम हो सके।
कारोबार में एक सौदा कम से कम 1,000 डॉलर का होगा और उसी के गुणित में घटेगा या बढ़ेगा। कारोबार की अवधि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक होगी।
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