एड्स मरीज के इलाज से कोई डाक्टर इनकार नहीं कर सकता : सरकार
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि कोई अस्पताल, डाक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ एड्स मरीज के इलाज से इनकार नहीं कर सकता। सरकार इसके लिए वैधानिक आदेश जारी कर चुकी है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से कहा कि सरकारी आदेश निजी और सरकारी सभी अस्पतालों और डाक्टरों पर लागू होगा।
उन्होंने खंडपीठ से कहा कि सरकार ने एचआईवी मरीज के इलाज से इनकार करने पर कड़े दंड की व्यवस्था की है। खंडपीठ के अन्य सदस्यों में न्यायाधीश अशोक भान और न्यायाधीश पी. सथशिवम शामिल हैं।
एक गैर सरकारी संगठन सहारा हाऊस की जनहित याचिका पर सरकारी अधिवक्ता ने यह बात कही। गैर सरकारी संगठन ने एड्स पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की है।
26 अगस्त को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की ओर से जारी 14 सूत्रीय आदेश में कहा गया है, "सभी डाक्टर, नर्स और अस्पताल के कर्मचारी चाहे वे सरकारी या निजी अस्पताल के ही क्यों न हों, उनको एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का इलाज पेशेवर और मानवीय तरीके से करना होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।