अमेरिकी सीनेट परमाणु करार पर बुधवार को
अरुण कुमार
अरुण कुमार
वाशिंगटन, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते की आखिरी विधायी बाधा भी पार हो जाने की आशा है। अमेरिकी सीनेट राष्ट्रपति जार्ज बुश की उच्च प्राथमिकता वाले समझौते से संबधित विधेयक पर बुधवार को मतदान के लिए सहमत हो गई है।
सीनेट में बहुमत दल के नेता हैरी रीड ने घोषणा की है कि बुधवार सुबह सीनेट में हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स से शनिवार को पारित विधेयक को दो संशोधनों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। ये दोनों संशोधन भारत द्वारा भविष्य में परमाणु परीक्षण करने पर अमेरिकी प्रतिक्रिया से संबंधित हैं।
रीड ने मंगलवार को कहा कि लेकिन वोट केवल बुधवार शाम को सूरज ढलने के बाद ही डाले जाएंगे। क्योंकि यहूदी त्यौहार रोश हशनाह के सम्मान में तब तक मतदान की कोई योजना नहीं है।
हाउस में दो-तिहाई बहुमत के विपरीत 100 सदस्यों वाली सीनेट में करीब साढ़े तीन घंटे की चर्चा के बाद परमाणु करार से संबंधित विधेयक को पारित करने के लिए केवल 60 वोट ही चाहिए।
रीड की मंगलवार की घोषणा से संकेत मिलता है कि कांग्रेस के ऊपरी सदन के सांसदों ने अपने मतभेद सुलझा लिए हैं। वहां एक अज्ञात सांसद ने सदन के नियमों का उपयोग करके विधेयक का रास्ता रोकने की कोशिश की थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विधेयक में दो संशोधन यह सुनिश्चित करने का प्रयास हैं कि अमेरिकी परमाणु निर्यात भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहयोग न करे।
विधेयक में पहले संशोधन के अनुसार भारत द्वारा कोई आणविक विस्फोट किए जाने पर, अमेरिकी राष्ट्रपति यह प्रमाणित करेंगे कि इस विस्फोट में समझौते के अनु़सार निर्यात की गई किसी तकनीक या पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया है।
दूसरे संशोधन के अनुसार यदि भारत ने कोई परमाणु परीक्षण किया तो भारत के साथ परमाणु व्यापार रोक दिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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