अमेरिकी सीनेट में परमाणु करार की मंजूरी पर असमंजस (लीड-1)
वाशिंगटन, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिकी सीनेट में बुधवार सुबह भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर चर्चा शुरू होने पर कुछ सांसदों की आपत्तियां सामने आने के बाद करार की आखिरी विधायी बाधा के पार होने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वाशिंगटन, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिकी सीनेट में बुधवार सुबह भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर चर्चा शुरू होने पर कुछ सांसदों की आपत्तियां सामने आने के बाद करार की आखिरी विधायी बाधा के पार होने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
हाउस आफ रिप्रजेंटेटिव्स से 298-117 मतों से पारित विधेयक पर वोट केवल बुधवार शाम को सूरज ढलने के बाद ही डाले जाएंगे। क्योंकि यहूदी त्योहार रोश हशनाह के सम्मान में तब तक मतदान की कोई योजना नहीं है।
सीनेट ने बुधवार सुबह 10.15 बजे (अंतर्राष्ट्रीय समयानुसार 7.45 बजे) हाउस से मंजूर विधेयक एचआर 7081 पर चर्चा आरंभ की। यह दिन का पहला एजेंडा था जिसे पेश करते हुए बहुमत दल के नेता हैरी रीड ने कहा कि नेताओं और प्रशासन ने इस पर महीनों तक लंबा और कड़ा काम किया है।
सीनेट ने दो डेमोकेट्रिक सांसदों बॉयरन डारगन और जेफ बिंगामैन के दो संशोधन प्रस्तावों पर भी विचार करने का निश्चय किया है। दोनों सांसद यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अमेरिकी परमाणु निर्यात से भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम को कोई मदद नहीं मिले।
भारत के साथ परमाणु करार को दोनों दलों से मिल रहे व्यापक समर्थन के कारण संशोधनों के अस्वीकार हो जाने की उम्मीद है। लेकिन मामला तब जटिल हो सकता है जब सीनेट से पारित विधेयक वापस हाउस को भेजा जाएगा। समझौता केवल तभी कानून बन पाएगा जब दोनों सदन उसे स्वीकार कर लें।
हाउस से पारित विधेयक में एक पैराग्राफ भी जुड़ा है जिसके अनुसार यदि भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो अमेरिका परमाणु सहयोग रोक देगा।
हाउस में दो-तिहाई बहुमत के विपरीत 100 सदस्यों वाली सीनेट में करीब साढ़े तीन घंटे की चर्चा के बाद परमाणु करार से संबंधित विधेयक को पारित करने के लिए केवल 60 वोट ही चाहिए।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विधेयक में दो संशोधन यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि अमेरिकी परमाणु निर्यात भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहयोग न करे।
विधेयक में पहले संशोधन के अनुसार भारत द्वारा कोई आणविक विस्फोट किए जाने पर, अमेरिकी राष्ट्रपति यह प्रमाणित करेंगे कि इस विस्फोट में समझौते के अनु़सार निर्यात की गई किसी तकनीक या पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया है।
दूसरे संशोधन के अनुसार यदि भारत ने कोई परमाणु परीक्षण किया तो भारत के साथ परमाणु व्यापार रोक दिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।