दिल्‍ली विस्फोट: सुराग नहीं जुटा सकी पुलिस
राष्ट्रीय सुरक्षा दस्ते (एनएसजी) की फोरेंसिक टीम रविवार को फिर से महरौली स्थित घटना स्थल का मुआयना करने पहुंची। पूरे इलाके में मोटर वाहनों का प्रवेश फिलहाल वर्जित है।
अहरौली कांड की जांच में जुटे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 13 सितम्बर को हुए सिलसिलेवार धमाकों में तो पुलिस को सुराग मिल गये थे, लेकिन महरौली धमाके का अभी तक कोई सुराग हाथ्ा नहीं लग सका है। किसी आतंकवादी संगठन ने भी इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच टीम युद्ध स्तर पर जुटी है। आशा है कि जल्द से जल्द सुराग मिल जाएंगे।
पुलिस को इस बात का अंदेशा भी है कि कहीं दक्षिणी दिल्ली के लाडोसराय और आईआईटी के पास हुए विस्फोटों की तरह ही यह मामला भी उलझ न जाए। उन दोनों विस्फोटों का भी अब तक कोई सुराग नहीं जांच दल को नही मिल सका है।
पुलिस के मुताबिक इस बात की जांच भी की जा रही है कि कहीं आतंकियों ने छतरपुर मंदिर को तो अपना निशाना नहीं बनाया गया था।
तीन पासपोर्ट, दो सिम कार्ड और नोटों से भरा बैग बरामद
पुलिस ने विस्फोट में घायल एक व्यक्ति की पहचान अलाउद्दीन के रूप में की है, उस पर भी पुलिस नजर रखे हुए है। पुलिस को महरौली में बम फेंकने की वारदात पर अलाउद्दीन पर भी संदेह है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अलाउद्दीन के पास से तीन पासपोर्ट, दो सिम कार्ड और 500 रुपये के नोटों से भरा एक बैग भी बरामद किया गया है। अलाउद्दीन के स्वस्थ्य होने के बाद ही उससे पूछताछ शुरू की जाएगी। अलाउद्दीन को भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। अलाउद्दीन के दो रिश्तेदारों शहाबुद्दीन और शबनम को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है।
महरौली
विस्फोट
के
ठीक
एक
दिन
पहले
दिल्ली
पुलिस
के
पास
आयी
फोन
कॉल,
जिसमें
यह
कहा
गया
था
कि
'दिल्ली
बचा
लो,
ब्लास्ट
होगा'।
इस
फोन
कॉल
के
आधार
पर
पुलिस
ने
फरीदाबाद
से
दो
संदिग्धों
को
हिरासत
में
लिया
है।
हालांकि
जांच
में
लगे
अधिकारी
का
कहना
है
कि
जब
तक
कि
कोई
सुराग
नहीं
मिलेगा
और
आतंकवादी
पकड़े
नहीं
जाएंगे
तब
तक
कुछ
भी
कहना
सही
नहीं
होगा।