मदद की गुहार लगा रहा है केन्याई क्रिकेट
नैरोबी, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। केन्याई क्रिकेट बेहद खराब दौर से गुजर रहा है। यहां के क्रिकेट बोर्ड के पास न तो कोष है और न ही यहां अच्छे खिलाड़ी सामने आ रहे हैं उस पर सरकार भी इससे मुंह मोड़ चुकी है तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी इसकी कुछ खास चिंता नहीं।
नैरोबी, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। केन्याई क्रिकेट बेहद खराब दौर से गुजर रहा है। यहां के क्रिकेट बोर्ड के पास न तो कोष है और न ही यहां अच्छे खिलाड़ी सामने आ रहे हैं उस पर सरकार भी इससे मुंह मोड़ चुकी है तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी इसकी कुछ खास चिंता नहीं।
आज आलम यह है कि 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली केन्याई टीम अब मदद की गुहार लगा रही है।
केन्याई क्रिकेट टीम के कप्तान स्टीव टिकोलो ने आईएएसएस से कहा, "हम मजबूत टीमों के खिलाफ खेलना चाहते हैं। हमारे पास कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें मजबूत टीमों के खिलाफ मौका मिलना चाहिए।"
स्टीव के बड़े भाई टॉम केन्याई क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। टॉम के मुताबिक बाहरी दुनिया ने केन्याई क्रिकेट को पूरी तरह भुला दिया है।
टॉम ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को केन्याई क्रिकेट की रक्षा के लिए आगे आना होगा। हमारे पास कोष नहीं है और हमें पूरी तरह भुला दिया गया है। मैं आज भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की अपेक्षा कर रहा हूं।"
टॉम ने बताया कि केन्याई क्रिकेट को पेशेवर स्तर पर 12 लाख डॉलर की जरूरत पड़ती है लेकिन आज उसके पास पांच लाख डॉलर कम हैं। केन्या को 4.50 लाख डॉलर आईसीसी से, 1.5 लाख डॉलर टीवी प्रसारण अधिकारों और एक लाख डॉलर प्रायोजकों से मिलते हैं।
टॉम बताते हैं, "फिलहाल जो कुछ हमें मिल रहा है, वह पर्याप्त नहीं है। केन्या में क्रिकेट की संस्कृति नहीं है लिहाजा हमें खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की जरूरत होती है। यह काम कोष के बगैर नहीं हो सकता।"
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस काम में मदद नहीं करती? टॉम ने कहा, "सरकार तो एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रम के लिए ही धन नहीं मुहैया करा पा रही तो फिर क्रिकेट के बारे में कौन सोचे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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