राइस के आश्वासन पर बेरमैन ने किया परमाणु करार का समर्थन
वाशिंगटन, 27 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले भारत जैसे देशों को परमाणु संवर्धन और पुन: प्रसंस्करण तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास के अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलिजा राइस के आश्वासन के बाद प्रतिनिधि सभा के विदेश संबंधी मामलों की समिति के अध्यक्ष हावर्ड एल.बेरमैन ने भारत के साथ परमाणु करार का समर्थन किया।
वाशिंगटन, 27 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले भारत जैसे देशों को परमाणु संवर्धन और पुन: प्रसंस्करण तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास के अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलिजा राइस के आश्वासन के बाद प्रतिनिधि सभा के विदेश संबंधी मामलों की समिति के अध्यक्ष हावर्ड एल.बेरमैन ने भारत के साथ परमाणु करार का समर्थन किया।
बेरमैन ने कहा, "विदेशमंत्री राइस ने मुझे व्यक्तिगत आश्वासन दिया है कि अपनी नीति में बदलाव करते हुए अमेरिका नवंबर में होने वाली एनएसजी बैठक में ऐसी तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध के लिए सहमति बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखेगा।"
बेरमैन ने कहा कि इससे हाइड एक्ट में व्यक्त कांग्रेस के मंतव्य की पूर्ति होगी।
इसके पहले एनएसजी के देशों से भारत को मिली परमाणु व्यापार की छूट पर आपत्ति खड़ी करने वाले बेरमैन ने कहा, "विधेयक की खामियों को कांग्रेस के समक्ष सुधार के लिए उजागर करने और विदेशमंत्री के आश्वासन के बाद मैं विधेयक के पक्ष में मतदान करूंगा।"
बहरहाल भारत के साथ परमाणु करार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली राइस ने कहा कि उनका आशय परमाणु संवर्धन और पुन: प्रसंस्करण तकनीक के निर्यात पर 'सख्त नियंत्रण लगाने' से था।
विदेश विभाग द्वारा प्रसारित साक्षात्कार के अनुसार राइस के कहा कि पहले एनएसजी में अमेरिका की यही नीति थी लेकिन इस समय हम कुछ और पहलकदमी कर रहे हैं।
राइस ने कहा कि बुश प्रशासन का कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है और मैं बेरमैन से कोई वादा नहीं कर सकती लेकिन हम इसे हासिल करना चाहेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*